मनरेगा ग्राम योजना संवारेगी गांवों की सूरत
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ग्राम सभा की खुली बैठक में अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित कराई जाएगी
जासं, हरदोई : रोजगार की गारंटी देने वाली मनरेगा अब गांवों की सूरत संवारेगी। शासन ने इसके लिए 'मनरेगा ग्राम' नाम से एक योजना शुरू की है। मनरेगा ग्राम के प्रथम चरण में अभी प्रत्येक विकास खंड की दो-दो ग्राम पंचायतों को चयनित किया जाएगा। इनके विकास के लिए जीआइएस (ज्योग्राफिकल इनफॉरमेशन सिस्टम) बेस्ड योजना तैयार की जाएगी।
जॉबकार्ड धारकों को एक वर्ष में 100 दिन का रोजगार की गारंटी के साथ ही ही मनरेगा ग्राम को मूलभूत सुविधाओं से संतृप्त किया जाएगा। मनरेगा ग्राम के प्रारंभिक चरण में जिले में 38 ग्राम पंचायतों को चयनित किया जाना है। प्रमुख सचिव की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक मनरेगा ग्राम को विकसित करने के लिए कार्ययोजना से पहले यहां पहले से कराए गए विकास कार्यों का डाटा तैयार कराया जाएगा। इसका सार्वजनिक प्रकाशन भी किया जाएगा। ग्राम सभा की खुली बैठक में स्वयं सहायता समूह, विभागीय अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित कराई जाएगी, जिससे गांव को सुविधाओं से संतृप्त करने के लिए आवश्यकताओं एवं संसाधनों का आकलन आमजन के जरिए हो सके। आजीविका संवर्द्धन पर होगा जोर : मनरेगा ग्राम में मांग के अनुसार श्रम रोजगार उपलब्धता कराई जाएगी। दो लाख की सीमा तक के व्यक्तिगत लाभार्थी कार्य एवं परियोजनाओं का सृजन, स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों की ओर से नर्सरी स्थापना, मत्स्य पालन, सामाजिक सुरक्षा के तहत वंचित परिवारों, महिला मुखिया परिवारों को व्यक्तिगत आजीविका वृद्धि परियोजना से आच्छादित किया जाएगा। ग्रामीण हॉट-बाजार एवं समूहों के क्रियाकलापों के वर्क शेड निर्मित कराए जाएंगे। ग्रामीण अवस्थापना के होंगे कार्य : चयनित ग्राम की आंतरिक रोड, खेल के मैदान, विद्यालयों में बाउंड्रीवाल एवं छात्र व छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय, आंगनबाड़ी केंद्र एवं पंचायत भवन एवं अंत्येष्टि स्थल का निर्माण कराया जाएगा। डिजिटल एवं मोबाइल कनेक्टिविटी और सीएससी की स्थापना, खाद्य गोदाम, जल संरक्षण के लिए चेक डैम, खेतों तक नाली, सोकपिट एवं तालाब निर्माण और पौधरोपण कराया जाएगा। पशुपालन के बढ़ावा और ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित कराई जानी है।
वर्जन-
सभी कार्यक्रम अधिकारियों को ग्राम पंचायत चयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मनरेगा में अनुमन्य कार्यों में से ग्राम पंचायत की भौगोलिक स्थिति एवं स्थानीय आवश्यकता अनुसार कार्यों की प्राथमिकता तय करते हुए सूची उपलब्ध कराएंगे, जिससे कार्ययोजना तैयार कराई जा सके। ---निधि गुप्ता वत्स, सीडीओ