श्रमिकों और कच्चे माल की कमी ने रोकी औद्योगिक प्रतिष्ठानों की रफ्तार
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संडीला: लॉकडाउन के चौथे चरण में औद्योगिक प्रतिष्ठानों के संचालन को हरी झंडी तो मिल गई है, लेकिन श्रमिकों और कच्चे माल की कमी ने उद्योगों की रफ्तार रोक रखी है। हरदोई के औद्योगिक क्षेत्र संडीला में इसका असर दिख भी रहा है। बाहरी श्रमिक चले गए और न स्थानीय श्रमिक मिल नहीं पा रहे और न ही कच्चा माल मिल रहा है। जिसके चलते फैक्ट्रियों के ताले तो खुल गए हैं, लेकिन उत्पादन अभी गति नहीं पकड़ पा रहा है। जो उत्पादन हो भी रहा है, उसकी मांग नहीं है।
संडीला औद्योगिक क्षेत्र में करीब 300 से ज्यादा औद्योगिक प्रतिष्ठान हैं। जिसमें करीब 3500 से अधिक श्रमिक काम करते हैं। लॉकडाउन के चलते फैक्ट्रियों में ताले पड़ गए तो धीरे धीरे श्रमिक भी अपने घरों की तरफ कूच कर गए। संचालक और श्रमिक सभी अच्छे दिनों का इंतजार करने लगे। लॉकडाउन तो खत्म नहीं हुआ पर नियमों का पालन करते हुए औद्योगिक प्रतिष्ठानों के संचालन को जरूर अनुमति मिल गई, लेकिन बेपटरी हो चुकी व्यवस्था को संभालने में संचालकों को परेशानी आ रही है। सबसे बड़ी कमी तो श्रमिकों की हो गई है। जो कुशल श्रमिक थे, वह घरों को चले गए, जो श्रमिक हैं भी उनके लिए अभी पर्याप्त कच्चा माल नहीं है और जिन संचालकों के पास दोनों चीजें हैं, उनके उत्पादन की अभी मांग नहीं है। 19 एचआरडी 19-औद्योगिक क्षेत्र फेज टू में श्रीराम टिबर नाम से उनकी फैक्ट्री है। फैक्ट्री चलाने के लिए उन्हें अनुमति मिल चुकी है, लेकिन श्रमिकों की कमी के कारण वह उसे पूरी तरह से चला नहीं पा रहे हैं। उनके यहां काम करने वाले अधिकांश श्रमिक अपने घर चले गए हैं। जो साधन के अभाव में आ नहीं पा रहे हैं। ऐसे में अभी फैक्ट्री पटरी पर नहीं आ पा रही है।
सूरज गोयल, अध्यक्ष, सण्डीला इंडस्ट्री एसोसिएशन 19 एचआरडी 20
-फैक्ट्री तो खुल गई है, लेकिन कच्चा माल नहीं है। उनकी फैक्ट्री का ज्यादातर कच्चा माल कानपुर से आता है। जोकि नहीं आ पा रहा है। न कच्चा माल आ पाया और न ही श्रमिक हैं। आवागमन की परेशानी है, इसलिए फैक्ट्री खोल तो दी गई है, लेकिन अभी काम विधिवत शुरू नहीं हो सका है। बस सब कुछ अच्छा होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
सैय्यद अली, ई-लाइफ बैट्रीज
19 एचआरडी 21--फैक्ट्री तो शुरू कर दी गई है, सरकार ने पैकेज भी घोषित किए हैं, लेकिन दोनों का लाभ अभी मिलने वाला नहीं है। सरकार की गाइडलाइन के अनुसार 30 फीसद श्रमिकों से काम तो शुरू कर दिया गया पर कच्चा माल है ही नहीं। उसे मंगाने में परेशानी हो रही है। जिसके चलते फैक्ट्री संचालन में अभी केवल एक तरह की खानापूर्ति ही हो पा रही है।
अनिल मौर्या, निखिल इंडस्ट्रीज
19 एचआरडी 22--फैक्ट्री में श्रमिकों की कोई कमी नहीं है। अधिकांश श्रमिक स्थानीय हैं। जिसके चलते श्रमिकों की कोई परेशानी नहीं है। कच्चा माल भी है, उत्पादन भी शुरू हो चुका है। सरकार की गाइड लाइन के अनुसार काम शुरू हो गया पर उत्पादन की अपेक्षा मांग नहीं है। फैक्ट्री चल तो रही है, लेकिन जब उत्पादन की मांग ही नहीं आ रही है तो पूरी क्षमता से संचालन नहीं हो पा रहा है।
-वेद प्रकाश शर्मा, एचआर हेड
वरुण बेवरेज पेप्सिको प्लांट