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भविष्य की चाहत में युवा, बच्चों का संभाल रहे वर्तमान

हरदोई ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन पढ़ाई से दूर बच्चों की शिक्षा में खुशहाली आ रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2020 09:25 PM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 06:07 AM (IST)
भविष्य की चाहत में युवा, बच्चों का संभाल रहे वर्तमान
भविष्य की चाहत में युवा, बच्चों का संभाल रहे वर्तमान

हरदोई: ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन पढ़ाई से दूर बच्चों की शिक्षा में खुशहाली आ रही है। युवाओं का भविष्य संवर रहा है और बच्चों की पढ़ाई हो रही है। डीसीएम श्रीराम शुगर मिल के सहयोग से गांवों में प्रथम संस्था के चल रहे केंद्रों पर गांवों के शिक्षित स्वयंसेवी युवा अपने भविष्य की खातिर बच्चों का वर्तमान संवार रहे हैं। जिले की तीन चीनी मिल क्षेत्रों के 60 गांवों तीन हजार बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।

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विद्यालय बंद होने से बच्चे अ़ॉनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन गांवों में ऐसे बहुत से बच्चे हैं जिनके घर में एंड्राइड मोबाइल नहीं है। यह बच्चे शिक्षा से दूर थे, लेकिन डीसीएम चीनी मिल के खुशहाली शिक्षा कार्यक्रम ऐसे बच्चों की शिक्षा को शिक्षा की धारा से जोड़ रहा है। वैसे तो इस कार्यक्रम में प्रथम संस्था के सहयोग से चिन्हित गांवों के विद्यालयों में सबसे कमजोर बच्चों को 40 दिन की विशेष कक्षाओं से उन्हें पढ़ाकर अग्रिम पंक्ति में लाया जाता है, पर इस समय विद्यालय बंद होने से इन कमजोर और संसाधन विहीन बच्चों के लिए विशेष केंद्र खोलकर उन्हें पढ़ाया जा रहा है। प्रथम संस्था के कार्यक्रम प्रबंधक सौरभ मिश्र के अनुसार संस्था ने गांवों में शिक्षित युवक-युवतियों को स्वयं सेवी के रूप में चिन्हित किया है। इन्हें संस्था की तरफ से उनकी जरूरत के रोजगार परक निश्शुल्क विभिन्न कोर्स कराए जाते हैं। जरूरत पड़ने पर उन्हें बाहर भी भेजा जाता है। वैसे सामान्य दिनों में यह युवा बच्चों की पढ़ाई में मदद करते थे, इन दिनों यही गांवों में केंद्र संचालित कर रहे हैं। संस्था के शिक्षा विशेषज्ञ स्वयं सेवकों के मोबाइल पर सरल तरीके से बच्चों को पढ़ाने और समझाने की विधि के साथ विभिन्न पाठ्य सामग्री भेजते हैं। स्वयं सेवक उससे ही बच्चों को पढ़ाते हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाता है। एक समय में केंद्र पर कम बच्चे बुलाए जाते हैं, उनके नाम के गोला बनाए गए हैं। उन्हीं गोलों में बैठकर बच्चे पढ़ते हैं। क्योंकि स्वयं सेवकों को संस्था की तरफ से उनकी जरूरत के निश्शुल्क कोर्स कराए जाते हैं, इसलिए वह बच्चों को पूरे मनोयोग से पढ़ाते हैं। जब तक विद्यालय बंद हैं, तब तक ऐसे ही पढ़ाई होगी और विद्यालय खुलने पर पूर्व की भांति विद्यालयों में शिक्षण कार्य में सहयोग किया जाएगा। हरदोई में रूपापुर, लोनी और हरियावां चीनी मिल क्षेत्रों में करीब 60 गांवों में केंद्रों का संचालन हो रहा है। जिसमें हरियावां चीनी मिल क्षेत्र में सबसे अधिक 25 केंद्र संचालित हो रहे हैं।


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