हरदोई : जिले में कच्ची शराब धीरे-धीरे कुटीर उद्योग बनती जा रही है। घरों के चूल्हों से खेतों में ड्रमों पर बनी भट्ठियों से शराब बनाई जाती है। आबकारी विभाग के अभियान इसकी गवाही भी दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति न कर जब तक सख्त कदम नहीं उठाए जाएंगे तब तक शराब का खेल रुकने वाला नहीं है।
शराब पीने से कई जिलों में जान जा चुकी हैं, कुछ जिलों में तो एल्कोहल से बनी शराब पीने से लोगों की आंखे तक चली गईं। हर थाना क्षेत्र में कई कई गांवों में बड़े पैमाने पर शराब उतारने के मामले सामने आते हैं। आंकड़ों के हिसाब से देखे तो 24 थानों में औसतन कम से कम पांच से 10 गांवों में शराब बनती है। इन गांवों में कम से कम पांच-पांच घरों में ही शराब बनाने की बात मानें तो रोजाना कई हजार लीटर शराब बनाई जाती है। जिसे बोतल से लेकर पाउचों में भरकर सस्ते दामों पर बेचा जाता है।
सस्ती के चक्कर में जान से होता खिलवाड़: कच्ची शराब के खेल में देखा जाए तो गुड़, शीरा आदि से लहन तो तैयार ही होता है। इसे नशीला बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के रसायन और तो और यूरिया और नशीली गोली तक डाल दी जाती है। सस्ती शराब में अधिक नशा की चाहत में लोग इसे पीते हैं और कभी कभी तो घटनाएं भी हो जाती हैं। इतना ही नहीं रसायन से तैयार होने वाली शराब से आंखों की रोशनी तक चली जाती है। -कच्ची शराब के खिलाफ जिले में अभियान चल रहा है। रोजाना बड़े पैमाने पर कार्रवाई हो रही हैं। काफी मात्रा में शराब बरामद कर भट्ठियां भी नष्ट कराई जा चुकी हैं, अभियान लगातार जारी है और सख्त कार्रवाई की जाएगी।--रवीशंकर प्रसाद, जिला आबकारी अधिकारी
तीन दिन में पुलिस ने पकड़ी 2100 लीटर शराब
हरदोई: कच्ची शराब के खिलाफ आबकारी विभाग के साथ ही पुलिस भी कार्रवाई करती है। पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स ने बताया 21 से 23 तक तीन दिन का अभी विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें 91 लोगों को गिरफ्तार कर 80 मुकदमे दर्ज किए गए। अभियान में 38 शराब की भट्ठियां भी पकड़ी गईं। तीन दिन में 2100 लीटर शराब बरामद कर 32 हजार 85 किलो लहन नष्ट कराया गया। एसपी ने बताया कि पुलिस कार्रवाई कर रही है और सघन अभियान चलाया भी जाता है। आगे भी अभियान जारी रहेगा, अगर किसी की मिलीभगत सामने आती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
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