बुजुर्गों को मिल गए साथी, कानून की मिली मजबूत लाठी
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हरदोई: बुजुर्गों को परेशान करने वालों की खैर नहीं हैं। कपूतों को सजा देने का प्राविधान तो पहले से ही था, लेकिन अब कानून की उन्हें मजबूत लाठी मिल गई है। 112 उनका सहारा बनेगा। हर थाने पर बुजुर्गों का पंजीकरण होगा। जिससे पूरे थाने के बुजुर्गों का एक समूह बन जाएगा। गश्त के दौरान समय-समय पर पुलिस उनका हाल-चाल लेने जाएगी। जरा सी परेशानी होने पर नंबर डायल करते ही बिना देरी के पुलिस फोर्स उनके दरवाजे पर पहुंच जाएगा।
बुजुर्ग परेशान होकर दर दर भटकते रहते। किसी को उनकी संतान ही घर से निकाल देती, तो ऐसे भी हैं, जिनके बच्चे बाहर रहते हैं। उनके घर में अकेले होने के कारण पास-पड़ोसी या अन्य परेशान करते हैं। अपनों से परेशान बुजुर्गों को उनका हक दिलाने के लिए भरण पोषण अधिनियम 2007 काफी पुराना है लेकिन उसका उन्हें लाभ नहीं मिल पाता। अब शासन ने सख्त कदम उठाए हैं और बुजुर्गों को कानून की मजबूत लाठी थमा दी है। यूपी 100 अपराध नियंत्रण के साथ ही उनकी भी मदद करेगा। 112 तो उनका सहारा ही बन गया है। बुजुर्गों का 112 पर पंजीकरण कराया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि बुजुर्ग 112 नंबर पर फोन कर अपना पंजीकरण खुद करा सकते हैं। जब वह नंबर डायल करेंगे, तो उनसे पूरा विवरण पूछा जाएगा। जिसके बाद उनका पंजीकरण हो जाएगा। वहीं हर थाने पर पुलिस कर्मी उनका विवरण एकत्रित कर सॉफ्टवेयर पर पंजीकरण कराएंगे। थाना पुलिस गश्त के दौरान उनका हाल लेने जाएगी ही। अगर किसी बुजुर्ग को उनके घर का कोई व्यक्ति का अन्य कोई परेशान करता है। तो जैसे ही 112 नंबर डायल करेंगे। उनका पूरा विवरण खुद व खुद आ जाएगा। बिना किसी देरी से पुलिस टीम उनकी मदद को पहुंच जाएगी। एसपी ने बताया कि पूरे जिले में अभियान शुरू कर दिया गया है। बुजुर्गों को जागरूक भी किया जा रहा है। बुजुर्गों को परेशान करने वाले जाएंगे जेल
बुजुर्गों के साथ मारपीट करने वालों को पुलिस जेल भी भेज रही है। पूरे प्रदेश में हरदोई पुलिस ने ही इसकी शुरुआत भी की है। बुजुर्गों की खुद पुलिस मदद करने पहुंचती है। उन्हें परेशान करने वाली संतानों के खिलाफ एफआइआर तक दर्ज कर जेल भी भेजा जाता है। कई ऐसी कार्रवाई हो चुकी हैं।