नौ पंचायतों से 2.36 लाख की अनियमितता का मांगा हिसाब
-वर्ष 2018-19 के मनरेगा मद के कार्यों में मिली थी गड़बड़ी -डीडीओ ने अहिरोरी के कार्यक्रम से मांगी रिपोर्ट
हरदोई : वर्ष 2018-19 के मनरेगा मद के कार्यों में 2.36 लाख की अनियमितता पर कार्रवाई की फाइल फिर खुल गई है। सोशल आडिट के नोडल अधिकारी जिला विकास अधिकारी अजय प्रताप सिंह ने अहिरोरी के कार्यक्रम अधिकारी से एक सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है। नौ ग्राम पंचायतों के प्रकरणों का एक सप्ताह में निस्तारण न होने पर संबंधित पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
मनरेगा मद के कार्यों की दी गई सोशल आडिट व्यवस्था में वर्ष 2019-20 में हुए आडिट में अहिरोरी की ग्राम पंचायतों में वर्ष 2018-19 के कार्यों में गड़बड़ी की पुष्टि हुई थी। डीडीओ ने सोशल आडिट के प्रकरणों पर कार्रवाई और निस्तारण की इंट्री कांफ्रेंस में संबंधित पंचायतों के पंचायत सचिव और अहिरोरी के कार्यक्रम अधिकारी से चर्चा की। बताया कि नौ ग्राम पंचायतों में से एक का भी प्रकारण न तो निस्तारित हुआ है और न ही अनियमित राशि की वसूली की गई है।
डीडीओ ने कार्यक्रम अधिकारी को संबंधित दोषी कर्मियों और प्रधानों के विरुद्ध कार्रवाई प्रस्तावित और अनियमित राशि की वसूली के निर्देश दिए हैं। वसूल की गई राशि जिला कार्यक्रम समन्वयक के खाता में जमा कराते हुए रिपोर्ट प्राप्त कराएंगे।
ये ग्राम पंचायत हैं शामिल : अहिरी में 350, अठौआ में 14700, बदौली में 24500, बसेन में 2450, गोपालपुर में 55300, कमोलिया में 1400, महमूदपुर बहादुर 99925 एवं महुईपुरी में 8731 रुपये की वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई थी।
दो पंचायत सचिवों से स्पष्टीकरण, बीडीओ से रिपोर्ट तलब-हरदोई : मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा राना ने मनरेगा मद में मनमानी पर दो पंचायत सचिव से स्पष्टीकरण किया है। सांडी और हरियावां के बीडीओ से एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।
श्रम रोजगार उपायुक्त प्रमोद सिंह चंद्रौल ने हरियावां और सांडी के बीडीओ को पत्र जारी किए हैं। हरियावां की ग्राम पंचायत सरैंया के मजरा अहराहार के पवन कुमार मिश्र ने पूर्व प्रधान व पंचायत सचिव पर आरोप लगाए हैं कि दोनों ने मनरेगा में संविदा कर्मिया, रसोइया और नाबालिग के नाम पर जाबकार्ड जारी कर भुगतान निकाला है। अन्य योजनाओं में भी मनमानी की जा रही है।
सांडी की ग्राम पंचायत बेहटा हरी के मजरा दिशापुरवा की पूर्व प्रधान मायावती का आरोप है कि उनके कार्यकाल में कराए गए कार्य की सामग्री, ईंट और श्रमिकों के भुगतान नहीं हो पाया है। पंचायत सचिव अब भुगतान के एवज में 40 फीसद एडवांस मांग रहे हैं, जबकि श्रमिक और फर्म संचालक भुगतान की मांग कर रहे हैं। उपायुक्त का कहना है कि स्पष्टीकरण और बीडीओ की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।