सिस्टम की लापरवाही बनी, भाइयों का काल
हरदोई अधिकारियों की लापरवाही से हुआ हादसा।
हरदोई : इसे व्यवस्था का दोष कहा जाए या फिर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की क्षेत्र के प्रति उदासीनता। ऐंचामऊ में शारदा नहर पर बना क्षतिग्रस्त पुल करीब दो दशक से इसका प्रमाण बना हुआ है। समय से व्यवस्था जाग जाती, तो शायद नहर पार जाने का बनाया गया विकल्प दो भाइयों के लिए काल न बनता। शारदा नहर पर पुल वैसे तो जिले में है, लेकिन इसके रख-रखाव से लेकर निर्माण की प्रक्रिया की जिम्मेदारी सिचाई खंड उन्नाव के पास है।
शारदा नहर पर ऐंचामऊ के निकट आजादी से पहले का पुल बना हुआ था, जो अब पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। नहर पार करने के लिए लोगों ने विकल्प के तौर पर बिजली के पोल डाल रखे हैं। जिससे पैदल और बाइक आदि निकल जाती है। सोमवार को बाइक पलटने से दो भाई डूब गए। दो लोगों की जान चली गई, लेकिन जिम्मेदारी कोई लेने को तैयार नहीं है।
करीब 90 साल पहले बना पुल सिचाई खंड उन्नाव में आता है। उन्नाव खंड की ओर से पुल निर्माण की परियोजना भेजी गई थी। मुख्य अभियंता स्तर से स्वीकृति भी है, लेकिन बजट जारी न होने के कारण कागजी प्रक्रिया में फंसकर रह गई है। शारदा नहर खंड हरदोई के अधिशासी अभियंता एके गौतम का कहना है कि उन्नाव खंड में आने के कारण पूरी जानकारी उन्हें भी नहीं है।
अभी मीटिग में हूं : अधीक्षण अभियंता सेवाराम से जब ऐंचामऊ पुल निर्माण की प्रक्रिया के संबंध में जानकारी चाही गई तो उन्होंने कहा कि अभी मीटिग में हूं। बाद में पता कर के बता पाऊंगा।