सहकारी समितियों पर ताले, किसानों को खाद के लाले
हरदोई बारिश होने के बाद किसानों को धान गन्ना व मक्का आदि फसलों में खाद की आवश्यकता है।
हरदोई : बारिश होने के बाद किसानों को धान, गन्ना व मक्का आदि फसलों में खाद की आवश्यकता है, लेकिन अधिकांश साधन सहकारी समितियां बंद हैं। जो खुली भी हैं वहां पर खाद नहीं है। किसान निजी दुकानों से महंगी खाद खरीदने को मजबूर हैं।
बावन के निजामपुर गांव के किसान सुखवासी का कहना है कि साधन सहकारी समिति पर ताला पड़ा रहता है। यूरिया नहीं मिल पा रही है। ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों पर भी यूरिया की कमी है। यहां यूरिया मिलती भी है, तो किसानों से मनमाने दाम वसूल किए जाते हैं। किसानों को सल्फर और जैविक खाद लेने को कहा जाता है। मुजाहिद पुर गांव के किसान रामकिशोर का कहना है कि धान की फसल में खाद की आवश्यकता है। अधिकतर सरकारी समिति और दुकानों पर यूरिया नहीं मिल रही है। पचकोहरा के खुद्दी निवासी विवेक कुमार ने बताया कि अधिकतर सहकारी समिति पर ताला पड़ा रहता है। यूरिया के लिए चार-पांच दिनों से समिति के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन यूरिया नहीं मिल रही है। बताया कि एक सप्ताह पहले पचकोहरा समिति पर यूरिया आई थी, लेकिन सचिव ने अपने चहेतों को खाद उपलब्ध करा दी। अब कह रहे हैं कि खाद ही नहीं है। गांव निवासी किसान प्रताप पाल ने बताया कि पचकोहरा और बह्मनाखेड़ा साधन सहकारी समिति पर कई दिनों से खाद नहीं मिल पा रही है। दुकानों पर मनमाने दाम वसूल किए जा रहे हैं। प्रति बोरी पचास से साठ रुपये अधिक लिए जा रहे हैं।