मतदान केंद्र नहीं, तीन हजार मतदाता पर लगेंगे बीएलओ
राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार मतदान केंद्र पर एक बीएलओ (बूथ लेवल ऑफीसर) की तैनाती व्यवस्था में संशोधन किया है। अब मतदान केंद्रवार नहीं बल्कि तीन हजार मतदाता तक एक बीएलओ और इससे अधिक पर अतिरिक्त बीएलओ की तैनाती का प्रावधान किया है।
हरदोई : राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत एवं स्थानीय निकाय ने पंचायतों की मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्यक्रम को जारी कर गांवों की राजनीति को हवा दे दी है। आयोग ने इस बार मतदान केंद्र पर एक बीएलओ (बूथ लेवल ऑफीसर) की तैनाती व्यवस्था में संशोधन किया है। अब मतदान केंद्रवार नहीं, बल्कि तीन हजार मतदाता तक एक बीएलओ और इससे अधिक पर अतिरिक्त बीएलओ की तैनाती का प्रावधान किया है।
आयोग की ओर से जारी पुनरीक्षण कार्यक्रम ने गांवों में राजनीति करने वालों में सक्रियता ला दी है। गांवों की राजनीति में पदासीन लोग वोट बैंक बांधे रखने के लिए अभी तक योजनाओं एवं कार्यक्रमों में अपनों को उपकृत करने में जुटे रहे, अब पुनरीक्षण कार्यक्रम जारी होने के बाद अपनों के नाम भी सूची में अधिक से अधिक संख्या में जुड़वाने की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। होने वाले चुनाव में किस्मत आजमाने वाले संभावित दावेदारों ने सूची में नाम जुड़वाने के लिए आधार और आयु के प्रमाण पत्र जुटाना शुरू कर दिया है। ताकि वह पुनरीक्षण शुरू होते ही अपनों-अपनों के फार्म भरकर बीएलओ को उपलब्ध करा सकें।
सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी विश्राम लाल भार्गव का कहना है कि आयोग ने बीएलओ और सुपरवाइजर की तैनाती व्यवस्था में संशोधन किया है। तीन हजार मतदाताओं तक एक बीएलओ की तैनाती की जाएगी, जबकि इससे अधिक मतदाता संख्या होने पर अतिरिक्त बीएलओ तैनात किए जाएंगे। ऐसे ही सुपरवाइजर के लिए 10-20 बूथ की व्यवस्था दी गई है, लेकिन इसमें भी केंद्रों का ध्यान रखा जाएगा। ताकि कोई केंद्र दो भाग में न बंटने पाए। बीलएओ की तैनाती की जिम्मेदारी निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को सौंपी गई है।
1306 ग्राम पंचायत, इन पर चुने जाते हैं प्रधान
16760 सदस्य ग्राम पंचायत
1810 सदस्य क्षेत्र पंचायत
72 सदस्य जिला पंचायत
1820 मतदान केंद्रों का हुआ है निर्धारण
4617 मतदेय स्थल बनेंगे