खुद को प्रमुख सचिव बताकर पुलिस कर्मियों को ठगने वाले गिरफ्तार
थाना प्रभारियों को फोन पर रौब दिखाकर करते थे ठगी आगरा निवासी हैं जालसाज कई जिलों में दर्ज हैं मामले
हरदोई : पुलिस कर्मियों को फोन कर खुद को प्रमुख सचिव बताकर ठगी करने वाले गिरोह का हरदोई पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। गैंग के सरगना समेत तीन सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। तीनों आगरा जिले के रहने वाले हैं। उनके विरुद्ध कई जिलों में ऐसे ही ठगी के मामले दर्ज हैं। लखनऊ निवासी गैंग का मास्टर माइंड फरार है। पुलिस अधीक्षक ने पूरे मामले का राजफाश किया।
पुलिस कर्मियों को फोन कर धमकी देकर रुपये मांगने के मामले कई जिलों में सामने आए। सुरसा थाना प्रभारी राजकरन शर्मा के सीयूजी नंबर पर एक जुलाई को प्रशासनिक अधिकारियों के सीयूजी नंबर की सीरीज से मिलते जुलते नंबर से फोन आया। थाना प्रभारी के अनुसार फोन करने वाले ने खुद को प्रमुख सचिव बताते हुए थाना क्षेत्र में अपराध बढ़ने की बात कही और फिर चौकी प्रभारी से बात कराने के लिए कहा। सेमरा चौकी प्रभारी जावेद ने फोन किया तो फोन करने वाले ने कहा कि तुम्हारा स्थानांतरण गोरखपुर कर दिया है। अगर रुकवाना चाहते तो एक लाख रुपये दो। उसने सेंट्रल बैंक का एक खाता दिया और फिर दो बार फोन किया। चौकी प्रभारी को शक हो गया और उन्होंने इस मामले की एफआइआर दर्ज कराई। पुलिस सर्विलांस से उन तक पहुंचने की कोशिश में लगी थी और गुरुवार की आधी रात बाद सफलता भी मिल गई।
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि आगरा जिले के वाह थाना क्षेत्र के मढ़ेपुरा निवासी विवेक चौधरी पुत्र विजय बहादुर को उसके साथी आगरा के ही पिडोरा थाना क्षेत्र के नगरिया निवासी भारतवंशी पुत्र संतोष और श्रीकांत पुत्र रामगोपाल को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उन्होंने पूरी बात बता दी। विवेक चौधरी सरगना है जबकि लखनऊ निवासी राहुल गैंग का मास्टरमाइंड है। एसपी ने बताया कि विवेक ने थानाध्यक्ष को 9454497515 को फोन किया था। एसपी ने बताया कि यह लोग सीयूजी नंबर से मिलता जुलता नंबर खोज लेते थे और उसी से फोन करते थे। हालांकि हरदोई में तो वह किसी को नहीं फंसा सके लेकिन कई जिलों में उन्होंने ठगी की भी। इन सभी के विरुद्ध बलरामपुर, झांसी, मथुरा, अलीगढ़, हमीरपुर आदि जिलों में मामले भी दर्ज हैं। फरार मास्टरमाइंड की पुलिस तलाश कर रही है। क्षेत्र की ले लेते थे जानकारी
ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य जिस क्षेत्र के थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी या अन्य पुलिस कर्मी को ठगना चाहते थे, वहां की पहले जानकारी ले लेते थे। अपराध आदि को लेकर धमकी देते और फिर ठगी करने का प्रयास करते।