हाथी पर सवार हुए पूर्व विधायक सतीश वर्मा
-वर्ष 2002 और 2007 में बसपा से ही दो बार रहे थे विधायक -बसपा ने बिलग्राम-मल्लावां से प्रत्याशी भी घोषित किया
हरदोई: हुआ वही जिसका अनुमान था। भाजपा के प्रत्याशी घोषणा के बाद से चल रहे असंतोष के बाद पूर्व विधायक सतीश वर्मा भाजपा छोड़कर, बसपा में शामिल हो गए हैं। बसपा ने उन्हें बिलग्राम-मल्लावां से प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है। हालांकि अभी सपा और कांग्रेस ने अपनी प्रत्याशी नहीं उतारा है।
मिश्रिख से पूर्व सांसद डॉ. अंजू बाला का लोक सभा चुनाव में टिकट काट दिया गया था, हालांकि पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जन जाति आयोग का सदस्य बनाकर सम्मान जन पद दिया। उनके पति पूर्व विधायक सतीश वर्मा बिलग्राम-मल्लावां से भाजपा से टिकट की आस लगाए बैठे थे, लेकिन भाजपा ने विधायक आशीष सिंह पर ही भरोसा किया और उन्हें फिर मैदान में उतारा, जिसके बाद से पूर्व विधायक सतीश वर्मा असंतुष्ट चल रहे थे, वैसे तो क्षेत्र में साइकिल की भी खूब चर्चा थी, लेकिन पूर्व विधायक सतीश वर्मा ने अपने पुराने दल बहुजन समाज पार्टी पर ही भरोसा किया। बसपा जिलाध्यक्ष सुरेश चौधरी ने बताया कि पूर्व विधायक सतीश वर्मा बसपा में शामिल हो गए हैं और वही बिलग्राम-मल्लावां से बसपा प्रत्याशी भी बनाए गए हैं। पूर्व विधायक सतीश वर्मा वर्ष 2002 में बसपा से ही 37 हजार 220 मत हासिल कर विधायक बने थे वहीं 2007 में भी उन्होंने बसपा से ही 47 हजार 566 मत हासिल कर दूसरी बार चुनाव जीता था। अब फिर बसपा से ही मैदान में आए हैं।
तो अलग अलग राजनीति करेंगे सतीश वर्मा और डॉ. अंजूबाला
हरदोई: पूर्व विधायक सतीश वर्मा की पत्नी पूर्व सांसद डॉ. अंजू बाला, राष्ट्रीय एससीएसटी आयोग की सदस्य भाजपा में ही हैं। उनके बारे में पूर्व विधायक सतीश वर्मा ने ही स्थिति साफ कर दी। उन्होंने बताया कि उनसे (डॉ. अंजू बाला) कोई मतलब नहीं है, उन्हें न चुनाव में आना है और न जाना है। फरवरी तक उन्हें मल्लावां नहीं आना है। अब हमारी राजनीति अलग रहेगी। कोशिश की है साथ-साथ करने की, लेकिन नहीं करे दी। अब अलग अलग राजनीति करेंगे। अब हमारा आफिस भी अलग रहेगा, सब अलग-अलग रहेगा।