Move to Jagran APP

एस्कार्ट एलाउंस बच्चों की पढ़ाई लिखाई में करेगा मदद

ढ्डश्रड्डह्मस्त्र द्ग3ड्डद्व ढ्डश्रड्डह्मस्त्र द्ग3ड्डद्व ढ्डश्रड्डह्मस्त्र द्ग3ड्डद्व ढ्डश्रड्डह्मस्त्र द्ग3ड्डद्व ढ्डश्रड्डह्मस्त्र द्ग3ड्डद्व ढ्डश्रड्डह्मस्त्र द्ग3ड्डद्व ढ्डश्रड्डह्मस्त्र द्ग3ड्डद्व ढ्डश्रड्डह्मस्त्र द्ग3ड्डद्व ढ्डश्रड्डह्मस्त्र द्ग3ड्डद्व ढ्डश्रड्डह्मस्त्र द्ग3ड्डद्व ढ्डश्रड्डह्मस्त्र द्ग3ड्डद्व ढ्डश्रड्डह्मस्त्र द्ग3ड्डद्व ढ्डश्रड्डह्मस्त्र द्ग3ड्डद्व ढ्डश्रड्डह्मस्त्र द्ग3ड्डद्व ढ्डश्रड्डह्मस्त्र द्ग3ड्डद्व

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 11:03 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 11:03 PM (IST)
एस्कार्ट एलाउंस बच्चों की पढ़ाई लिखाई में करेगा मदद
एस्कार्ट एलाउंस बच्चों की पढ़ाई लिखाई में करेगा मदद

हरदोई: चलो देर से ही सही, चलने फिरने में अक्षम दिव्यांग बच्चों की सुधि तो ली गई। विद्यालय जाने वाले इन बच्चों के लिए एस्कार्ट एलाउंस में धनराशि जारी कर दी गई है। 50 बच्चों को 500 रुपये प्रति माह के हिसाब से 10 माह प्रति बच्चा पांच हजार रुपये आए हैं। जिन्हें खाते के माध्यम से बच्चों की मदद करने वालों को दिया जाएगा।

loksabha election banner

समेकित शिक्षा के अंतर्गत दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की धारा से जोड़ा जाता है। दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षक-शिक्षिकाएं भी नियुक्त हैं। जोकि मूकबधिर, नेत्रहीन बच्चों को पढ़ाते हैं, लेकिन ऐसे बहुत से बच्चे होते हैं जोकि चलने फिरने में अक्षम होते हैं। वह पढ़ सकते हैं लेकिन विद्यालय पहुंचना ही उनके लिए मुश्किल की बात होती है। ऐसे ही बच्चों के लिए एस्कार्ट एलाउंस दिया जाता है। जिसमें इन बच्चों को स्कूल लाने- ले जाने वाले को पांच सौ रुपये प्रति माह दिए जाते हैं। विभाग का मानना है कि मेहनताना मिलने से बच्चों के अभिभावक या फिर कोई अन्य बच्चों को विद्यालय पहुंचाने में मदद करेगा। वैसे यह शुरुआत में ही मिलने चाहिए जिससे रुपयों की चाहत में रुचि से उन्हें विद्यालय पहुंचाया जाए लेकिन हर वर्ष इसमें देरी होती है। इस वर्ष 80 बच्चों के लिए धनराशि की मांग की गई थी, लेकिन 50 बच्चों की स्वीकृति मिली है और प्रति बच्चा पांच हजार रुपये जारी हुआ है। जिला समन्वयक समेकित शिक्षा आशा वर्मा ने बताया कि धनराशि को नियमानुसार खातों में भेजा जाएगा। जो लोग बच्चों को विद्यालय ले गए उन्हें यह दी जाएगी। नवीन शैक्षिक सत्र में भी वह बच्चों को ले जाएं और उसकी अगले सत्र में धनराशि आएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.