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हरदोई सदर मेंभाजपा की हर लहर रही बेअसर

सदर विधानसभा का बदल गया भूगोल पर कामय रहा इतिहास आपातकाल के बाद कांग्रेस जीती तो रामलहर में नरेश ने लहराया परचम।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 10:15 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 10:15 PM (IST)
हरदोई सदर मेंभाजपा की हर लहर रही बेअसर
हरदोई सदर मेंभाजपा की हर लहर रही बेअसर

पंकज मिश्रा, हरदोई : भक्त प्रहलाद की नगरी 155 हरदोई सदर विधान सभा क्षेत्र की तो अपनी अलग ही पहचान रही। आजादी के बाद हुए विधान सभा चुनाव में कांग्रेस का पंजा मजबूत रहा तो निर्दलियों ने भी दिल जीता, हाथी चिघाड़ा और साइकिल भी दौड़ी, लेकिन हरदोई के इतिहास में न तो कभी जनसंघ ने सफलता पाई और न ही कभी भाजपा का कमल खिला। परिसीमन में तीन विधान सभा क्षेत्र हरदोई-सुरसा, बावन-हरियावां और अहिरोरी का भूगोल बिगाड़ कर नए विधानसभा क्षेत्र के रूप में हरदोई सदर का गठन हुआ। इस क्षेत्र का भूगोल तो जरूर बिगड़ा, लेकिन इतिहास अभी भी कायम है। पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल के मजबूत गढ़ में किसी की भी लहर नहीं चली। पिछले कई दशकों से जिस दल में नरेश अग्रवाल रहे उसी की झोली में यह सीट रही। उनके पुत्र सदर विधायक नितिन अग्रवाल चौथी बार विधायक बनने के बाद अब भाजपा का कमल खिलाने के लिए मैदान में हैं। सपा से कौन आएगा, बसपा और कांग्रेस से मैदान में कौन आता है यह तो बाद में ही पता चलेगा फिलहाल इस सीट पर जिला ही नहीं पूरे प्रदेश की निगाहें हैं।

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आजादी के बाद हुए विधानसभा चुनावों का इतिहास देखें तो 1951 में हरदोई (पूर्वी) नाम से पहचान वाली यह सीट आरक्षित श्रेणी में थी और सबसे पहले चुनाव में बाबू किन्दर लाल 21247 मत हासिल कर पहले विधायक बने थे। इसी वर्ष किन्दर लाल के सांसद भी चुने गए और उपचुनाव हुआ तो कांग्रेस के चंद्रहास 27160 मत पाकर विधायक बने। वर्ष 1957 में बाबू बुलाकी राम कांग्रेस से 42530 मत हासिल कर विधानसभा पहुंचे। 1962 में कांग्रेस ने महेश सिंह को मैदान में उतारा और वह 13510 मत हासिल कर निर्वाचित हुए। 1967 में हरदोई के दिग्गज नेता धर्मगज सिंह 12953 वोट पाकर निर्दलीय विधायक चुने गए थे। इस चुनाव में कांग्रेस के राधाकृष्ण अग्रवाल दूसरे स्थान पर रहे थे। 1969 में धर्मगज सिंह की पत्नी आशा कांग्रेस से चुनाव लड़ीं और 19392 मत पाकर विधानसभा पहुंचीं। 1974 के चुनाव में कांग्रेस ने श्रीशचन्द्र अग्रवाल को लड़ाया और वह 16663 मत लेकर विजयी हुए। आपातकाल के बाद 1977 की कांग्रेस विरोधी लहर में धर्मगज सिंह ने 27117 मतों के साथ सीट कांग्रेस की झोली में डाल दी। 1980 में सदर सीट से कांग्रेस ने बाबू श्रीशचंद्र अग्रवाल के पुत्र नरेश अग्रवाल को मैदान में उतारा और नरेश अग्रवाल ने 28597 मत हासिल कर विधानसभा में कदम रखा था। भाजपा के दिग्गज नेता गंगाभक्त सिंह 14295 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। 1985 में कांग्रेस ने अपने ही विधायक नरेश अग्रवाल की जगह उमा त्रिपाठी को टिकट दिया और वह 24039 मत पाकर निर्वाचित हुई थी। वर्ष 1989 में कांग्रेस ने फिर उमा त्रिपाठी को ही टिकट दिया। नरेश अग्रवाल को दूसरे जिले भेजने की बात कही गई, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा कर वह सदर से निर्दलीय चुनाव में लड़ा और 36402 मत पाकर विधायक बनकर अपनी शक्ति का एहसास कराया। 1991 की राम-लहर में कांग्रेस ने फिर से नरेश अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में काफी करीबी मुकाबला हुआ था, लेकिन नरेश अग्रवाल लहर पर भारी पड़े और 30370 मत हासिल कर फिर से विजयश्री हासिल की। 1993 के चुनाव में सपा व बसपा ने गठबंधन से चुनाव लड़ा लेकिन कांग्रेस के नरेश अग्रवाल 41605 मत हासिल कर जीत हासिल की। 1996 के चुनाव के बाद नरेश अग्रवाल ने राजनीतिक दिशा को मोड़ दिया और कांग्रेस व बसपा के गठबंधन में वह 56744 मत लेकर जीते। वर्ष 2002 में नरेश अग्रवाल पहली बार समाजवादी पार्टी की साइकिल से चुनाव लड़े और 63825 मत हासिल कर फिर विजयी हुए तो बसपा के शिवप्रसाद 37242 वोट मिले थे। 2007 में नरेश अग्रवाल फिर सपा से लड़े और 67317 वोट हासिल कर जीते। मई 2008 में नरेश अग्रवाल विधानसभा की सदस्यता और सपा छोड़ बसपा में चले गए और हरदोई सदर की सीट अपने पुत्र नितिन अग्रवाल को सौंप दी। उपचुनाव में बसपा से नितिन अग्रवाल 65533 वोट पाकर पहली बार विधायक चुने गए थे। 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले दिसंबर 2011 में नरेश अग्रवाल फिर सपा में आ गए और 2012 में नितिन अग्रवाल को सपा ने उम्मीदवार बनाया तो उन्होंने 110063 मत हासिल कर रिकार्ड जीत हासिल की थी। वर्ष 2017 के चुनाव में भी नितिन अग्रवाल सपा से चुनाव लड़े और जिले की एक मात्र सीट सपा की झोली में डाली। अब 2022 के विधान सभा चुनाव में सदर विधायक नितिन अग्रवाल चौथी बार विधायक बनने के लिए भाजपा से चुनाव मैदान में हैं। आपात काल हो या फिर रामलहर सभी से बेअसर रही। इस सीट पर इस बार मतदाता किसे मौका देते हैं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

हरदोई सदर सीट से चुने गए विधायक और उनके राजनीतिक दल

वर्ष - विधायक - पार्टी

1951- चंद्रहास - कांग्रेस

1951- किदरलाल - कांग्रेस

1957- महेश सिंह - कांग्रेस

1957- बुलाकीराम वर्मा - कांग्रेस

1962- महेश सिंह - कांग्रेस

1967- धर्मगज सिंह - निर्दल

1969- आशा सिंह कांग्रेस

1974- श्रीशंचद्र - कांग्रेस

1977- धर्मगज सिंह - कांग्रेस

1980- नरेश अग्रवाल- कांग्रेस

1985- उमा त्रिपाठी- कांग्रेस

1989- नरेश अग्रवाल- निर्दल

1991- नरेश अग्रवाल- कांग्रेस

1993- नरेश अग्रवाल- कांग्रेस

1996- नरेश अग्रवाल- कांग्रेस

2002- नरेश अग्रवाल- सपा

2007- नरेश अग्रवाल- सपा

2008- नितिन अग्रवाल- बसपा (वर्ष 2018 में उपचुनाव हुआ था)

2012- नितिन अग्रवाल- सपा

2017- नितिन अग्रवाल--सपा सदर क्षेत्र के मतदाताओं पर एक नजर

कुल मतदाता--413133

पुरुष मतदाता---220645

महिला मतदाता---192464

थर्ड जेंडर- 24


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