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कर्म की पूजा से महिलाओं को रोजगार दे रहीं अनीता

हरदोई ईमानदारी के साथ की गई मेहनत और लगन का फल मीठा होता है। कटरी क्षेत्र में अनीता देवी ने कर्म को ही प्रधान मानकर किए गए कार्यों से महिलाओं के लिए रोजगार के रास्ते खोल दिए हैं। अनीता देवी ने खुद के लिए तरक्की का रास्ता बनाने के साथ लोगों को रोजगार देने के लिए गृह उद्योग लगा लिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 11:06 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 05:11 AM (IST)
कर्म की पूजा से महिलाओं को रोजगार दे रहीं अनीता
कर्म की पूजा से महिलाओं को रोजगार दे रहीं अनीता

हरदोई : ईमानदारी के साथ की गई मेहनत और लगन का फल मीठा होता है। कटरी क्षेत्र में अनीता देवी ने कर्म को ही प्रधान मानकर किए गए कार्यों से महिलाओं के लिए रोजगार के रास्ते खोल दिए हैं। अनीता देवी ने खुद के लिए तरक्की का रास्ता बनाने के साथ लोगों को रोजगार देने के लिए गृह उद्योग लगा लिया है।

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कटरी-पछोहा के विकास खंड भरखनी के पैतापुर निवासी अनीता देवी की संघर्ष की कहानी कम नहीं है। कर्म की पूजा कर अनीता ने अब हवाई चप्पल बनाने का गृह उद्योग लगा लिया है। वह कहती हैं कि ऑटोमैटिक मशीन लगाई है और एक शिफ्ट में छह लोगों को काम मिल रहा है। तैयार चप्पलों की जोड़ी मिलाने और पैकिग के लिए अन्य महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। गांव की महिलाओं को रोजगार देने के साथ ही उनके परिवार में खुशहाली आई है। बच्चों के पालन-पोषण और शिक्षा की चिता से मुक्ति मिली है। वहीं पति को भी मेहनत-मजदूरी के लिए दूसरों का मुंह नहीं ताकना पड़ता है। खेतीबाड़ी के कार्यों से बचे समय का उपयोग घर में लगे उद्योग में करते हैं।

संघर्ष से सफलता की कहानी में वह कहती हैं कि मायके में आर्थिक तंगी के चलते पैतापुर निवासी राजीव कुमार से शादी हुई। ससुराल में भी खेतीबाड़ी के लिए खुद की भूमि नहीं थी। पति और अन्य सदस्य मेहनत-मजदूरी और ठेके पर खेती लेकर परिवार का पालन-पोषण करते थे। बरसात के दिनों में तो कई बार भोजन का संकट भी उत्पन्न हो जाता था। भविष्य की चिता ने उन्हें स्वयं सहायता समूह गठन के लिए प्रेरित किया। ब्लाक मिशन प्रबंधक इस्माइल और जिला मिशन प्रबंधक कपिल कुमार, प्रदीप रावत से बात की। समूह गठन की प्रक्रिया, कार्य व व्यवसाय की जानकारी से उनकी आंखों में उज्ज्वल एवं सुखद भविष्य तैर गया। ठान लिया कि समूह का गठन कर खुद स्वावलंबी बनने के साथ दूसरों को सहारा देंगी। गांव की नीलम देवी, सुरजानी समेत 11 महिलाओं को जोड़कर दिसंबर 2019 में रुचि स्वयं सहायता समूह का गठन किया और अब मेहनत को सफलता के पंख लगे हैं और इसके लिए उन्हें कई प्रशस्ति पत्र भी मिल चुके हैं।


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