हरदोई की 11 हजार छात्राओं ने बनाया बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का वर्ल्ड रिकार्ड
विश्व बालिका दिवस पर जिलाधिकारी पुलकित खरे की पहल पर 11 अक्टूबर को 11 हजार बालिकाएं एक साथ जीआइसी मैदान में खड़े होकर वर्ल्ड रिकार्ड बनाया।
हरदोई, जेएनएन। विश्व बालिका दिवस पर गुरुवार को शहर के जीआइसी मैदान में विभिन्न स्कूलों और काॅलेजों की 11 हजार छात्राओं ने एक साथ खड़े होकर बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का संदेश देकर विश्व रिकार्ड बनाया। इस आयोजन में जिले के 109 विद्यालय शामिल हुए। जिलाधिकारी की पहल पर एक साथ 11 हजार छात्राआें ने चित्रकला, बेटी बचाआे-बेटी पढ़ाआे पर मानव श्रृंखला बनाने के साथ ही शिक्षक शिक्षिकाआें के साथ शपथ ली।
जिलाधिकारी पुलकित खरे की तऱफ से राजकीय बालिका इंटर काॅलेज में आयोजित कार्यक्रम में चार बार गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकार्ड हासिल कर चुके डाॅ. जगदीश पिल्लई की मौजूदगी में कार्यक्रम आयोजित किया गया। माध्यमिक आैर बेसिक शिक्षा विभाग के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में 101 लाइन में प्रति लाइन 110 छात्राआें को खड़ा कर पेटिंग प्रदर्शनी आयोजित की गई। डाॅ. पिल्लई ने बताया कि यूरेशिया वर्ल्ड रिकार्ड में हरदोई का नाम दर्ज हो गया है आैर गिनीज बुक में दर्ज करने के लिए वीडियो आैर फोटो भेजे जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री की बेटी बचाआे, बेटी बढ़ाआे की मंशा को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसकी मंशा बेटियों को समाज में आगे बढ़ाना है।
जिलाधिकारी पुलकित खरे की पहल पर 11 अक्टूबर को 11 हजार बालिकाएं एक साथ जीआइसी मैदान में खड़ी हुईं। इस दौरान मैदान में वर्ल्ड रिकार्ड बनता देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान कई अधिकारी भी मौजूद रहे। जिलाधिकारी पुलकित खरे ने बताया कि विश्व बालिका दिवस के अवसर पर हरदोई के 109 विद्यालयों की 11 हजार छात्राओं ने जीआइसी मैदान में एक साथ खड़े होकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बनाया। उन्होंने बताया कि सभी बालिकाओं ने स्लोगन व चित्रकला के माध्यम से ‘बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ’ का संदेश दिया। सुबह 9 बजे से 12 बजे तक होने वाले कार्यक्रम में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम भी मौजूद थी।
इस आयोजन में परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, कस्तूरबा गाॅधी आवासीय बालिका विद्यालय तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग की बालिकाओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान प्रत्येक छात्रा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से संबंधित चित्र तैयार करके लाईं थीं।