नौकरी के लिए अपना ही मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर ऑफिस पहुंचा युवक, उड़ गए अधिकारियों के होश
राहुल की मौत के बाद उसकी पत्नी ने भी मुआवजा पाने के लिए जेठ का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया लेकिन अनुज ने इस गड़बड़झाले को उजागर कर दिया।
हापुड़ (केशव त्यागी)। होमगार्ड की नौकरी पाने के लिए किया गया घपला राहुल की मौत के बाद सामने आ गया। जीवित अनुज अपने भाई के बजाय अपना ही मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचा तो उनके होश उड़ गए। दरअसल, राहुल की मौत के बाद उसकी पत्नी ने भी मुआवजा पाने के लिए जेठ का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया, लेकिन अनुज ने इस गड़बड़झाले को उजागर कर दिया। मामला संज्ञान में आने पर पुलिस अधीक्षक ने जांच कमेटी गठित कर दी है। जिसमें होमगार्ड की भर्ती प्रक्रिया से जुड़े अफसरों पर भी कार्रवाई की तलवार लटकती दिखाई दे रही है।
होमगार्ड में भर्ती के लिए हुआ खेल
नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला गांधी विहार निवासी अनुज ने बताया कि उसका छोटा भाई राहुल शर्मा उसके शैक्षिक दस्तावेजों के अाधार पर होमगार्ड में भर्ती हाेकर नौकरी करता रहा। अनुज के नाम से नौकरी कर रहे राहुल ने कार्यालय संबंधी सभी दस्तावेजों में अपनी पत्नी को नामित किया था। अाठ अप्रैल 2019 को राहुल की मेरठ रोड पर तैनाती के समय ट्रक की चपेट में अाकर मौत हो गई थी। इस संबंध में पीड़ित के परिजन ने थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में भी परिजन ने मृतक का नाम अनुज कुमार शर्मा उर्फ राहुल भारद्वाज दर्ज कराया गया था।
विभाग से मिलना था मुआवजा
राहुल की पत्नी ने कागजों में दर्ज अनुज की मृत्यु के बाद विभाग द्वारा मुआवजा मिलना था। आरोप है कि मुअावजे की धनराशि हड़पने के उद्देश्य से मायके वालों के साथ मिलकर अनुज के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवा लिया। इसके बाद उसने मुअावजे के लिए जिला होमगार्ड कमांडेंड के कार्यालय में दावा किया। मामले की जानकारी मिलने पर पीड़ित अौर उसके माता-पिता के होश उड़ गए। इसके बाद पीड़ित पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा और उन्हें पूरा घटनाक्रम बताया। पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह ने बताया कि मामला
गंभीर है। मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया गया है। जांच के बाद दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अॉनलाइन प्रक्रिया में हो रही धांधली
भ्रष्टाचार अौर धांधली को रोकने के लिए सरकार ने विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अॉनलाइन प्रक्रिया लागू की थी। विभागों में पारदर्शिता के लिए दस्तावेज अॉनलाइन बनवाए जा रहे हैं। अब अॉनलाइन
प्रणाली में सेंध लगाकर लोग फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। जीवित व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार किया जाना इसका जीता जागता उदाहरण है। इस धांधली में दलाल और अधिकारी संलिप्त हैं।