23 हजार कामगार दौड़ा रहे हैं उद्योगों का पहिया
जिले में औद्योगिक इकाइयों के संचालन को शर्तों के साथ छूट मिलने के बाद लॉकडाउन में बेरोजगारों हुए लोगों के चेहरे खिले उठे हैं। जिले में 23 हजार से अधिक कामगार विभिन्न औद्योगिक इकाइयों का पहिया दौड़ा रहे हैं। जबकि बाहर से देश के विभिन्न हिस्सों से आए प्रवासियों को सरकारी सिस्टम रोजगार दिलाने की कवायद में जुटा है।
जागरण संवाददाता, हापुड़
जिले में औद्योगिक इकाइयों के संचालन को शर्तो के साथ छूट मिलने के बाद लॉकडाउन में बेरोजगार हुए लोगों के चेहरे खिले उठे हैं। जिले में 23 हजार से अधिक कामगार विभिन्न औद्योगिक इकाइयों का पहिया दौड़ा रहे हैं। जबकि बाहर से देश के विभिन्न हिस्सों से आए प्रवासियों को सरकारी सिस्टम रोजगार दिलाने की कवायद में जुटा है।
जनपद में 4400 से अधिक छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां स्थापित हैं। इनमें 60 हजार से अधिक कामगार काम करते हैं। 25 मार्च से लागू हुए लॉकडाउन के बाद जिले की औद्योगिक इकाइयां बंद हो गई थीं। ऐसे में इन कामगारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। लॉकडाउन-3.0 शुरू होने पर शासन-प्रशासन ने हॉट स्पॉट क्षेत्र को छोड़कर ग्रीन जोन में स्थापित औद्योगिक इकाइयों को शर्तो के साथ खोलने की अनुमति दी थी। बड़े कारखानों को 50 प्रतिशत कामगार के साथ शारीरिक दूरी का पालन, सैनिटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिग की व्यवस्था करने की शर्त रखी थी। जिसके बाद वर्तमान में अनलॉक-1 में जिले की 2900 से अधिक औद्योगिक कारखाने संचालित किए जा रहे हैं। जिला उपायुक्त उद्योग पंकज निर्वाण ने बताया कि 2900 से अधिक कारखाने संचालित हैं। जिनमें 23 हजार से अधिक कामगार काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले में देश के विभिन्न स्थानों से 300 से अधिक प्रवासी आए। जिनकी सूची बनाई गई। इनमें से 160 प्रवासियों ने ही रोजगार करने की इच्छा जताई है। जिन्हें विभिन्न औद्योगिक कारखानों में रोजगार दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।