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वेस्ट टू एनर्जी प्लांट : 21 नवंबर को होने वाली महापंचायत की तारीख में हो सकता है परिवर्तन

ग्राम गालंद सहित आसपास के गांवों के लोग गाजियाबाद नगर निगम द्वारा ग्राम गालंद में प्रस्तावित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का विरोध कर रहे हैं। विरोध के चलते पिछले दिनों सोमवार को ग्रामीणों की प्लांट के लिए चिह्न्ति जमीन के निकट मसूरी थानांतर्गत महापंचायत भी हुई थी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 12 Nov 2021 05:01 PM (IST)Updated: Fri, 12 Nov 2021 05:01 PM (IST)
वेस्ट टू एनर्जी प्लांट : 21 नवंबर को होने वाली महापंचायत की तारीख में हो सकता है परिवर्तन
वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के विरोध में 41वें दिन भी धरना जारी

पिलखुवा [संजीव वर्मा]। वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के विरोध में 21 नवंबर को होने वाली महापंचायत की तिथि में परिवर्तन हो सकता है। 21 नवंबर को अधिक शादी-विवाह होने के चलते आंदोलनरत ग्रामीण तिथि बदलने पर विचार विमर्श कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, मसूरी गंगनहर पटरी मार्ग पर ग्रामीणों का शुक्रवार को 41 वें दिन भी धरना जा रहा।

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गालंद में प्रस्तावित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का कर रहे विरोध

ग्राम गालंद सहित आसपास के गांवों के लोग गाजियाबाद नगर निगम द्वारा ग्राम गालंद में प्रस्तावित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का विरोध कर रहे हैं। विरोध के चलते पिछले दिनों सोमवार को ग्रामीणों की प्लांट के लिए चिह्न्ति जमीन के निकट मसूरी थानांतर्गत महापंचायत भी हुई थी। जिसमें किसान-मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरन सिंह, विधायक धौलाना असलम चौधरी, कांग्रेसी नेता सतीश शर्मा सहित आदि किसान नेताओं ने हिस्सा लिया था।

20 नवंबर तक नहीं हुआ समाधान तो हाइवे पर होगी पंचायत

महापंचायत के दौरान निर्णय लिया गया था कि यदि 20 नवंबर तक समस्या का समाधान नहीं हुआ तो 21 अक्टूबर को दोबारा से महापंचायत होगी और यह पंचायत हाईवे पर होगी। दोबारा महापंचायत के ऐलान के बाद से प्रशासन एवं पुलिस में हड़कंप मचा हुआ हैं। हालांकि गढ़ मेला के चलते अभी इस तरफ अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।  ग्राम प्रधान गालंद संजय कोरी ने बताया कि घोषित महापंचायत की तिथि में परिवर्तन करने को लेकर आंदोलन के लिए गठित की गई संघर्ष समिति में विचार विमर्श चल रहा है। 21 नवंबर को शादी-विवाह अधिक है और ग्रामीणों को शादियों में सम्मलित होना हैं। इसके चलते तिथि में शीघ्र परिवर्तन किया जाएगा। शुक्रवार को धरने पर बैठने वालों में राजू, हरिओम, रामचंदर, दीपक, सतवीर आदि ग्रामीण मौजूद रहे।

क्या हैं मामला

दरअसल, ग्राम गालंद, लाखन सहित चार गांव गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में शामिल है। गाजियाबाद नगर निगम ने शासनादेश पर ग्राम गालंद में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए 44.25 एकड़ भूमि खरीदी थी। ग्रामीणों का कहना है कि प्लांट के बनने के बाद भूजल और वायु दोनों प्रदूषित हो जाएंगे। गांव का वाटर लेवल सात फीट पर है। इसके अलावा हरिद्वार से होकर आ रही गंगा भी निकल रही है। इसीलिए किसी भी कीमत पर प्लांट नहीं बनने दिया जाएगा। इसी के चलते ग्रामीण विगत तीन अक्टूबर से धरना दिए हुए हैं।


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