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सर्द रातों में जरा संभल कर चलें, सड़कों पर खड़े यमदूत

केशव त्यागी हापुड़ सर्दी की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि की स

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 06:58 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 06:58 PM (IST)
सर्द रातों में जरा संभल कर चलें, सड़कों पर खड़े यमदूत
सर्द रातों में जरा संभल कर चलें, सड़कों पर खड़े यमदूत

केशव त्यागी, हापुड़

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सर्दी की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि की संभावना अधिक हो जाती है। इसका प्रमुख कारण कोहरे और धुंध में सड़क किनारे खड़े वाहनों का दिखाई नहीं देना है। इन वाहनों की चपेट में आकर प्रति वर्ष काफी संख्या में लोग काल के ग्रास में समा जाते हैं। इस समस्या से अवगत होते हुए भी पुलिस प्रशासनिक अधिकारी इस ओर कोई कार्रवाई नहीं करते।

सर्दी लगातार अपने चरम को ओर अग्रसर हो रही है। सर्द रातों में जहां चोरी-लूट को अंजाम देने वाले गिरोह सक्रिय हो जाते हैं। वहीं सड़कों पर दुर्घटनाओं का ग्राफ भी बढ़ने लगता है। अधिकांश दुर्घटनाएं घने कोहरे के कारण होती हैं। इन घटनाओं में चार चांद लगाने का काम नो एंट्री के चलते रात के समय सड़कों के किनारे खड़े होने वाले वाहन करते हैं। कोहरे के कारण लोगों को सड़कों के किनारे खड़े वाहन दूर से दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन जब वह इन वाहनों के निकट आ जाते हैं तो उन्हें बचने के लिए एक पल का समय भी नहीं मिलता।

अधिकांश ट्रक चालक रात के समय खाना खाने व सोने के लिए हाईवे किनारे बने ढाबों पर रुकते हैं। ढाबों पर पार्किंग की व्यवस्था न होने और ट्रकों में ओवरलोड माल भरा होने के कारण चालक वाहनों को सड़क किनारे ही खड़ा कर देते हैं। अपने वाहनों में ही वह रातभर के लिए सो जाते हैं। प्रति वर्ष इस तरह की दुर्घटनाओं में जनपद में दर्जनों लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। सब कुछ जानते हुए भी प्रशासन की ओर से इसे रोकने के लिए अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया।

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हाईवे पर पुलिस की रहती है लचर व्यवस्था

- अगर हाईवे व अन्य मार्गों पर पुलिस व्यवस्थाओं की बात की जाए तो वह बेहद ही चिताजनक है। इसका प्रमुख कारण जनपद में पुलिसकर्मियों का अभाव होना भी है। इस स्थानों पर रात व दिन के समय में डायल 112, हाईवे पुलिस के साथ स्थानीय पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है। ब्लैक स्पाट पर अनिवार्य रूप से पुलिस तैनात रहती है। कुछ मामलों में पुलिस हादसे के बाद समय से घटना स्थल तक पहुंच जाती है, लेकिन अधिकांश मामलों में पुलिस की लेटलतीफी के चलते लोग काल के ग्रास में समा जाते हैं।

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- पिछले पांच वर्षों में हुई सड़क दुर्घटनाएं

वर्ष कुल हादसे मौत घायल

2016 354 210 318

2017 329 203 313

2018 316 196 272

2019 308 225 261

2020 252 154 187

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क्या कहते हैं अधिकारी

- रात के समय पुलिस पेट्रोलिग के दौरान बेतरतीब वाहनों को सड़कों से हटवाया जाता है। इसके अलावा पुलिस अपने-अपने क्षेत्र में इसे लेकर अभियान चलाती है। आगे भी अभियान चलाकर लापरवाह वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -एसपी संजीव सुमन, एसपी


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