घर-घर पैर पसार रहा वायरल बुखार, अस्पताल हुए फुल
संवाद सहयोगी सिभावली कोरोना संक्रमण का प्रकोप कम हुआ ही है कि अब क्षेत्र में वायरल बुखार
संवाद सहयोगी, सिभावली
कोरोना संक्रमण का प्रकोप कम हुआ ही है कि अब क्षेत्र में वायरल बुखार से हाहाकार मचा हुआ है। वायरल बुखार घर-घर पैर पसार चुका है। वायरल बुखार का प्रकोप इतना बढ़ चुका है कि अस्पताल भी फुल हो चुके हैं। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग अनजान बना हुआ है। निजी से लेकर सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में भी मरीजों की भरमार है। ऐसे में चिकित्सकों को जहां स्थान मिल रहा है, वहीं पर वह मरीजों का उपचार करने में लगे हुए हैं।
बदलते मौसम में बुखार, मलेरिया और टाइफाइड के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 100 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। जबकि प्राइवेट अस्पतालों मरीजों की संख्या इससे काफी अधिक है। अक्टूबर माह की शुरुआत से वायरल और मलेरिया ने तेजी से लोगों को जकड़ लिया है। हालात यह हैं कि घर-घर में वायरल से लोग ग्रस्त हैं। अस्पताल खुलने से पहले मरीजों की भीड़ उमड़ने लगती है। सरकारी अस्पतालों में रोजाना 100 से अधिक मरीजों की ओपीडी हो रही है।
एलर्जी के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। चिकित्सकों के पास लंबी लाइन देखने को मिल रही है। निजी अस्पतालों में भी मरीजों की भरमार है। देहात क्षेत्रों में झोलाछाप चिकित्सक भी जमकर चांदी काट रहे हैं। आलम यह है कि सरकारी और प्राइवेट अस्पताल के जनरल वार्ड तक में बेड फुल चल रहे हैं। ऐसे में चिकित्सक द्वारा मरीजों को उनके वाहनों में लेटाकर उपचार कर रहे हैं। जो खतरनाक भी साबित हो सकता है। बुखार के लक्षण
जोड़ों व हाथ पैरों में दर्द होना, जी मिचलाना या घबराना, गले में कफ बनना खराश होना, ठंड लगना, शरीर में आलस्य और सुस्ती आना, शारीरिक कमजोरी आना, जरा सा काम करने पर थकान महसूस होना, कई रोगियों को बुखार में सिर का दर्द भी होता है, चिड़चिड़ापन होना आदि यह सभी बुखार के सामान्य संकेत हैं। क्या कहते हैं चिकित्सक
वायरल बुखार और मलेरिया से निपटने के लिए अस्पताल में प्राप्त सुविधाएं हैं। दवा भी पर्याप्त मात्रा में हैं। जिस गांव में वायरल बुखार और मलेरिया का प्रकोप है। वहां शिविर लगाकर दवाइयों का वितरण कराया जा रहा है। - डा. आनंद मणि, सीएचसी अधीक्षक, सिखेड़ा