नियमों को ताक पर रख केंद्रों तक पहुंचाई जा रही टीके की वायल
मुकुल मिश्रा हापुड़ कोरोना से बचाव के टीके की वायल को केंद्रों तक पहुंचाने में जमकर
मुकुल मिश्रा, हापुड़ :
कोरोना से बचाव के टीके की वायल को केंद्रों तक पहुंचाने में जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नियमों को ताक पर रखकर टीके की वायल (टीके की शीशी) से भरे आइस बाक्स को बाइक के पीछे लादकर केंद्र पर पहुंचाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आंख मूंदकर हाथ पर हाथ रखकर बैठे हुए हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की यह लापरवाही बड़ा नुकसान करा सकती है।
कोरोना ने अप्रैल 2020 से जनपद में जमकर कहर बरपाया हुआ है। कोरोना से बचाव का टीका राहत की सांस लेकर आया है। कोरोना के कहर के बाद यह बात सभी जानते हैं कि टीके की एक-एक डोज की क्या कीमत है। इसलिए ही सरकार ने टीके को केंद्रों पर पहुंचाने के लिए नियम बनाए हैं। टीके को कड़ी सुरक्षा के बीच वैक्सीन वैन में सावधानी पूर्वक टीकाकरण केंद्र तक पहुंचाने का नियम है। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग की देखने को मिल रही लापरवाही से यह साबित हो जाता है कि उनकी निगाह में टीके की कोई कीमत ही नहीं है।
जनपद को टीके की पहली खेप 14 जनवरी को प्राप्त हुई थी। पहली खेप को मेरठ से कड़ी सुरक्षा के बीच बड़ी सावधानी के साथ लाकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में स्थापित मुख्य कोल्ड चेन में रखवाया गया था। इसी नियमों के साथ टीके को टीकाकरण केंद्रों तक पहुंचाया गया था। अब टीकाकरण अभियान को धीरे-धीरे करीब 75 दिन बीत चुके हैं। जैसे-जैसे अभियान आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी लापरवाही बरतनी शुरू कर दी है। 41 स्वास्थ्य केंद्रों पर हो रहा है टीकाकरण -
वर्तमान में जनपद के 41 सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना से बचाव का टीका लगाया जा रहा है। इनमें से अधिकांश टीकाकरण केंद्रों पर कोल्ड चेन स्थापित नहीं है। इसलिए इन केंद्रों पर टीके को प्रतिदिन कोल्ड चेन से प्रतिदिन आइस बाक्स में रखकर टीके की वायल को पहुंचाया जाता है। कभी भी हो सकता है बड़ा नुकसान -
जिस प्रकार स्वास्थ्य विभाग द्वारा लापरवाही करते हुए टीके की वायल से भरे आइस बाक्स को बाइक के पीछे बांधकर ले जाया जा रहा है इस प्रकार, कभी भी बड़ा नुकसान हो सकता है। आइस बाक्स बाइक से खुलकर गिर सकते हैं और टीके की वायल टूटकर टीके की डोज खराब हो सकती है। क्या कहती हैं मुख्य चिकित्सा अधिकारी -
बाइक पर बंधे आइस बाक्स खाली हैं। इन बाक्स में टीके की खेप नहीं रखी गई है। टीके को टीकाकरण केंद्रों तक गाड़ी द्वारा पहुंचाया जाता है।
- डॉ. रेखा शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी