अतिक्रमण हटाने के दौरान हंगामा, अभद्रता करने पर पांच गिरफ्तार
सड़कों से अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस-प्रशासन और नगर पालिका की टीम को शनिवार को कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। मीनाक्षी रोड और अयोध्या पुरी के पास हुए विरोध के दौरान अधिकारियों से अभद्रता हुई। इस पर एक सपा नेता सहित चार को गिरफ्तार किया गया। अभियान के दौरान हड़कंप की स्थिति बनी रही। टीम ने कई अतिक्रमणकारियों से दस हजार और गंदगी फैलाने पर पांच सौ रुपये का जुर्माना वसूला। जबकि कुछ को नोटिस जारी किए गए हैं। अभियान के दौरान जेसीबी मशीन की मदद से कुछ अस्थाई अतिक्रमण को भी हटवाया गया।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : नियमों को ताक पर रखकर चल रहे निजी पैथोलॉजी सेंटरों पर आखिरकार प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की नजर पड़ ही गई। शनिवार को बेस अस्पताल के पास के तीन पैथोलॉजी सेंटरों पर छापामारी की गई। इसमें खामियां मिलने पर दो सेंटरों पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया गया। साथ ही 26 नवंबर तक पूरी पत्रावलियां लेकर सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में उपस्थित होने का नोटिस भी दिया गया है। अचानक हुई इस छापेमारी से पैथोलॉजी सेंटरों में खलबली मच गई, दरअसल इस मामले को दैनिक जागरण ने कई बार प्रमुखता से उठाया था। सेंटरों में ये मिली खामियां
डॉ. पैथ लैब कलेक्शन सेंटर पटेल चौक, आरोग्या डायग्नोस्टिक सेंटर और ओली डायग्नोस्टिक सेंटर में कई खामियां मिलीं। तीनों सेंटरों में पैथलैब जनित जैव चिकित्सा अपशिष्ट को अलग-अलग करने और निस्तारण की प्रक्रिया नियमानुसार संचालित नहीं थी। इनके पास जैव चिकित्सा अपशिष्ट के प्रबंधन नियम 2016 के तहत प्राधिकार प्रपत्र नहीं मिले। तीनों के यहां मौके पर तकनीकी स्टाफ नहीं मिला। नगर निगम का लाइसेंस भी नहीं था। लाल पैथ लैब में क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 के तहत पंजीकृत प्रमाण पत्र भी नहीं मिला। आरोग्य व ओली सेंटर पर नगर निगम की ओर से पांच हजार रुपये का चालान काटा गया। इन सभी को संबंधित प्रपत्रों के साथ 26 नवंबर तक सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया है। छापामारी टीम में ये रहे शामिल
सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, सीओ सिटी डीसी ढौंडियाल, एसीएमओ डॉ. एमएम तिवारी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज कांडपाल, सहायक नगर आयुक्त विजेंद्र चौहान, औषधि निरीक्षक मीनाक्षी बिष्ट आदि शामिल रहीं। आखिर अन्य सेंटरों पर कब होगी कार्रवाई
शहर में ऐसे भी तमाम जगह निजी पैथोलॉजी सेंटरों के लैब संचालित हैं, जहां मानकों का पालन नहीं हो रहा है। प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की नजर अभी वहां तक नहीं पहुंची है। आलम यह है कि कई जगह सैंपल के स्लाइड भी पैथोलॉजिस्ट चेक नहीं करते हैं। सैंपल को निर्धारित तापमान में भी नहीं रखा जाता है। एक्सपर्ट टेक्नीशियन भी नहीं है। पैथोलॉजिस्ट का नाम महज बोर्ड तक सीमित है। लोगों का आरोप है कि यहां मनमाने दाम वसूले जाते हैं।