हापुड़ [विशाल गोयल]। Gangster Ashu Jat: इसी साल 5-6 जनवरी की रात को ग्रेटर नोएडा वेस्ट निवासी गौरव चंदेल का हत्यारोपित (Gaurav Chandel Murder Case) गैंगस्टर आशु जाट (Gangster Ashu Jat) आखिर कैसे 6 महीने से अधिक समय तक पुलिस की नजरों से बचता रहा? इसका खुलासा हो गया है। हापुड़/धौलाना पुलिस ने जब 2.50 लाख रुपये के इनामी कुख्यात आशु जाट की गिरफ्तारी के बाद उसके साथियों को धर दबोचा तो उन्होंने सारी सच्चाई बयां कर दी। आशु जाट के 6 साथियों ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया है कि कैसे उन्होंने उसे सलाह दी कि कहां छिपे और कहां से फरार हो जाए? यह भी बताया जा रहा है कि इन्हीं 6 साथियों ने आशु जाट को कहा था कि वह मुंबई में ठेला लगाकर सब्जी बेचना शुरू कर दें, जिससे कोई कोई नहीं पहचान पाएगा।
टीवी देखकर व अखबार की खबरें पढ़कर आशु को आगाह करते रहे साथी
आशु जाट को संरक्षण देने के आरोप में गिरफ्तार महिला सहित 6 लोगों ने कबूल किया है कि वह टीवी न्यूज चैनलों पर खबरें देखकर उसे आगाह करते थे। वहीं, आशु जाट इन सभी 6 लोगों से अलग-अलग मोबाइल फोन इस्तेमाल करके संपर्क में रहता था।
गाजियाबाद के खोड़ा से संपर्क में रहता था आशु
मिली जानकारी के मुताबिक, आशु जाट गाजियाबाद के खोड़ा में रहने वाली महिला से भी संपर्क में था। यह महिला लगातार आशु के परिवार के बारे में जानकारी देती थी। लॉकडाउन के दौरान वह अपने परिवार के प्रति चिंतित था, इसलिए इस महिला और अन्य साथियों की मदद से वह पत्नी के बारे में जानकारी हासिल कर लेता था। पुलिस ने यह खुलासा भी किया है कि ये सभी आशु जाट को गिरफ्तार होने से बचाते थे और साथ ही जरूरत पड़ने पर आर्थिक मदद भी करते थे। आरोपितों ने बताया कि आशु को गिरफ्तारी से बचने के लिए मुंबई जाकर छिपने की राय भी इन्हीं 6 साथियों ने ही दी थी।
कुल कितने लोग थे आशु जाट के संपर्क में? पुलिस कर रही जांच
हापुड़ पुलिस इस बात की जांच में तेजी से जुट गई है कि इस लंबे अंतराल के दौरान आशु जाट और कितने लोगों के संपर्क में था। बता दें कि डी112 (मिर्ची गैंग) के सरगना ढाई लाख रुपये के इनामी बदमाश आशु को हापुड़ पुलिस के इनपुट पर मुंबई पुलिस ने 5 सितंबर को विले पार्ले से उस समय गिरफ्तार किया था, जब वह रूप बदलकर फल बेच रहा था।
गिरप्तार आशु जाट के साथी
प्रिंस उर्फ प्रशांत
संजय उर्फ शैंकी
राजवीर
पिंकी
बंटी पाल
...इसलिए हुई थी गौरव चंदेल की हत्या
अब तक की जानकारी के मुताबिक, घटना वाली रात यानी 6-7 जनवरी की रात आशु जाट अपने साथी उमेश पंडित और अपनी पत्नी के साथ ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पर्थला चौक के करीब से गुजर रहा था। यह महज इत्तेफाक है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट के करीब पर्थला चौक और किसान चौक के बीच गौरव चंदेल मोबाइल फोन पर बातचीत कर रहे थे। नई चमचमाती कार और अकेले गौरव चंदेल को देखकर मिर्ची गैंग के सरगना आशू जाट ने ऑटो अचानक सर्विस रोड पर मुड़वा दिया। उमेश पंडित की मानें तो उसने गौरव चंदेल से कार की चाबी मांगी, लेकिन गौरव ने कार की चाबी देने से मना किया। फिर उमेश और गौरव के बीच गाली-गलौज हो गई। गौरव चंदेल पास ही अपनी पत्नी के साथ ऑटो में ही बैठा था। इस बीच उमेश ने जब जबरन कार की चाबी छीनने की कोशिश की तो गौरव हावी हो गए। इस घटना के दौरान ऑटो में बैठा बदमाश आशू जाट भी मौके पर पहुंच गया। इस दौरान अपने साथी उमेश पंडित को छुड़ाने के लिए आशू जाट ने पीछे से गौरव चंदेल के सिर में गोली मार दी। सिर में गोली लगते ही गौरव चंदेल की मौत हो गई। आशू जाट साथी बदमाश उमेश पंडित और पत्नी को लेकर गौरव चंदेल की कार से ही भाग गया। वहीं, पुलिस का मानना है कि सच्चाई तो गैंगस्टर आशु जाट के खुलासे से ही आएगी।
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