जागरण संवाददाता, हापुड़
सावन का महीना सूखा-सूखा बीत गया। पूरे माह में चंद दिन ही बारिश हुई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई माह में सामान्य से 110 मिली मीटर कम बारिश हुई। अब अगस्त माह में अन्नदाताओं को अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। हालांकि पिछले कुछ सालों के आंकड़ों को देखकर अच्छी बारिश होने की संभावनाएं कम ही हैं। इस बार सावन माह में जनपदवासियों को अधिक बारिश होने की उम्मीद थी। पूरा माह बीत गया, लेकिन चंद दिनों को छोड़कर शेष दिन बारिश नहीं हुई। इन चंद दिनों में महज 91.3 मिली मीटर बारिश हुई, जो सामान्य के आंकड़े 201.30 मिली मीटर से करीब 110 मिली मीटर कम है, जबकि पिछले वर्ष 2019 में महज 40 मिली मीटर बारिश हुई थी। हालांकि इससे पहले वर्ष 2017 और 2018 के जुलाई माह में 156 मिली मीटर हुई थी। इससे पहले वर्ष 2016 में रिकॉर्ड 248.50 एमएम बारिश दर्ज की गई। अब अगस्त माह की शुरुआत कड़क धूप के साथ हुई है। मौसम के इस तेवर से किसानों की नींद उड़ गई है। धान के खेतों में पानी न मिलने की वजह से दरार आ गई है। जल्द बारिश नहीं हुई तो धान उगाने वाले किसानों को ट्यूबवेल से खेतों की सिचाई करनी होगी। बारिश न होने से धान की पैदावार पर भी असर पड़ेगा। जिला कृषि अधिकारी शिव कुमार का कहना है कि अधिकतर किसानों ने समय से धान की रोपाई भी कर ली है। इन दिनों बारिश होने से अधिकतर फसलों को फायदा होता है। अगस्त माह में अच्छी बारिश होने की संभावना है।
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