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मंडी शुल्क कम करने की मांग को लेकर भड़के व्यापारी

21एचपीआर-3 जागरण संवाददाता हापुड़ मंडी शुल्क कम करने की मांग को लेकर गुड़ गल्ला व्याप

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 07:03 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 07:03 PM (IST)
मंडी शुल्क कम करने की मांग को लेकर भड़के व्यापारी
मंडी शुल्क कम करने की मांग को लेकर भड़के व्यापारी

21एचपीआर-3

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जागरण संवाददाता, हापुड़

मंडी शुल्क कम करने की मांग को लेकर गुड़ गल्ला व्यापारियों ने नवीन मंडी में प्रदर्शन कर जोरदार नारेबाजी की गई। इसके साथ ही 26 तक मंडी बंद रखने का ऐलान किया। व्यापारियों ने एक सुर में कहा कि अगर गुड़ पर मंडी शुल्क कम नहीं किया तो व्यापारी बर्बाद हो जाएगा। सरकार जल्द से जल्द मांग पूरी करे।

सोमवार की सुबह को गुड़ और गल्ला व्यापारी नवीन मंडी में एकत्र हुए। गुड़ गल्ला व्यापार कमेटी के अध्यक्ष संजीव कुमार आढ़त वालों ने कहा कि जिस प्रकार से अन्य प्रदेशों की मंडियों में मंडी शुल्क की दरें घटाकर 0.35 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत कर दी है। उसी प्रकार यह व्यवस्था उत्तर प्रदेश में भी लागू हो। उन्होंने बताया कि प्रदेश भर की 300 मंडियों में धरना प्रदर्शन हुआ है और 26 सितंबर तक सभी मंडी बंद रहेंगी। मंत्री अशोक कुमार पप्पे ने कहा कि मंडी शुल्क 2.5 प्रतिशत होने से व्यापारी काफी परेशान हैं। बिहार, गुजरात, मध्यप्रदेश समेत अनेक मंडियों में मंडी शुल्क नहीं है। ऐसे में व्यापारी अन्य राज्यों में कैसे व्यापार कर सकेंगे। व्यापारियों के धरना प्रदर्शन को फैडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल के राष्ट्रीय सचिव संजय अग्रवाल, जिलाध्यक्ष राकेश अग्रवाल व वरिष्ठ नेता वीरेंद्र गर्ग पिल्लू ने धरना स्थल पर पहुंचकर अपना समर्थन दिया।

इस अवसर पर महामंत्री मोहित गर्ग, वीरेंद्र गर्ग, सुनील जैन, अमित गोयल, रोहताश कुमार, सतीश, हरीश, विकास, मनोज, अंकुर अग्रवाल, सुमित, अनूप, संजय, विजय, सुमित अग्रवाल आदि व्यापारी मौजूद थे।

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किसान और व्यापारी का पुराना नाता:अग्रवाल

जागरण संवाददाता, हापुड़

फैडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल के राष्ट्रीय सचिव ने कृषि विधेयक व कांट्रेक्ट खेती से किसान के साथ साथ गल्ला व्यापारी बर्बाद हो जाएगा। सरकार इस निर्णय को जल्द वापस लें। अन्यथा जोरदार आंदोलन किया जाएगा।

अग्रवाल ने कहा कि कृषि बिल व कांट्रेक्ट खेती व अन्य जटिलताओं से व्यापारी पर भी भारी प्रतिकूल असर होगा। किसान और व्यापारी का पुराना नाता है। यदि किसान मंडी में नहीं आएगा तो मंडियां बर्बाद हो जाएंगी। सरकार को व्यापारियों और किसानों के हितों का ध्यान रखकर इस बिल में आवश्यक संशोधन करने चाहिए। उन्होंने कहा कि फेडरेशन व्यापारियों की इस मांग को लेकर देश के प्रधानमंत्री को भी पत्र भेज चुका है। अगर मांग पूरी नहीं हुई तो सड़कों पर उतर कर आंदोलन किया जाएगा।


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