ग्रामीणों से साथ मिलकर भाकियू भानू ने बाईपास का निर्माण रोका
संवाद सहयोगी गढ़मुक्तेश्वरअंडरपास की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे ग्रामीणों से साथ मिल
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर:
अंडरपास की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे ग्रामीणों से साथ मिलकर भाकियू (भानू) ने बाईपास का निर्माण रोक दिया, जिसको लेकर तहसीलदार के बाद एडीएम से हुई वार्ता भी विफल हो गई।
सिभावली क्षेत्र के गांव वैठ के सामने दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे के बाईपास का निर्माण किया जा रहा है, जो हापुड़ के गांव ततारपुर के सामने से होकर निकलेगा। उक्त बाईपास में सिभावली क्षेत्र के गांव सिखैड़ा की बजाय तीन किलोमीटर दूरी पर अंडरपास दिए जाने से नाराज चल रहे ग्रामीण किसान संघर्ष समिति के तत्वाधान में आंदोलन कर रहे हैं, जिसे भाकियू भानू द्वारा समर्थन दिया जा रहा है। जनहित से जुड़ी मांग पूरी न होने का हवाला देकर सोमवार को भाकियू भानू ने ग्रामीणों के साथ लगातार 24 वें दिन भी बेमियादी धरने में भागीदारी की। इसके पश्चात भाकियू ने एक सप्ताह पहले की गई घोषणा का अनुपालन करते हुए नेशनल हाईवे पर बनाए जा रहे बाईपास का निर्माण कार्य रोककर महापंचायत का आयोजन किया।
भाकियू जिलाध्यक्ष पवन हूण, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष सुबीश त्यागी और जिला संरक्षक अजय त्यागी ने आरोप लगाया कि जनहित से जुड़ी मांग को एनएचएआइ के अधिकारी पूरी तरह नजर अंदाज कर रहे हैं। हजारों ग्रामीणों का दर्द समझने के बजाय तहसील से लेकर जिला स्तरीय अधिकारी भी खुली अनदेखी कर रहे हैं। इसलिए बाईपास का निर्माण कार्य रोककर संबंधित विभागों को जन मानस की शक्ति का अहसास कराया गया है। मांग पूरी नहीं की गई तो अगली बार नेशनल हाईवे को जाम किया जाएगा। तहसीलदार सुरेंद्र सिंह ने मौके पर पहुंचकर भाकियू नेताओं से वार्ता की मगर कोई भी सफलता नहीं मिल पाई, जिस पर भाकियू नेताओं समेत ग्रामीणों को जिला मुख्यालय भेज दिया गया। जहां काफी देर तक एडीएम जयनाथ यादव के साथ वार्ता हुई, परंतु गांव सिखैड़ा के पास अंडरपास दिलाने की मांग पूरी न होने पर उक्त वार्ता भी विफल हो गई। भाकियू भानू जिलाध्यक्ष पवन हूण, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष सुबीश त्यागी, जिला संरक्षक अजय त्यागी, प्रधान मंसूर ने दावा किया कि जनहित से जुड़ीं मांग पूरी हुए बिना बेमियादी धरना समाप्त नहीं किया जाएगा, भले ही इसमें पुलिस की लाठी खाने से लेकर जेल तक क्यों न काटनी पड़े।