हापुड़ विधानसभा सीट पर सियासी योद्धाओं में इस बार होगी दिलचस्प जंग
UP Assembly Election 2022 हापुड़ विधानसभा (सुरक्षित) सीट पर 17 बार चुनाव हो चुका है। क्षेत्र के मतदाताओं ने राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ एक बार निर्दलीय प्रत्याशी को भी जीत दिलाई थी। सबसे अधिक बार कांग्रेस के आठ प्रत्याशी जीते थे।
हापुड़, जागरण संवाददाता। हापुड़ विधानसभा सीट पर कई राजनीतिक दलों ने योद्धाओं को चुनावी मैदान में उतार दिया है। इस बार सियासी जंग बेहद दिलचस्प होगी। इस सीट पर भाजपा के मौजूदा विजयपाल आढ़ती मैदान में हैं तो सपा-रालोद के गठबंधन के प्रत्याशी गजराज सिंह आमने सामने चुनाव मैदान में हैं। वहीं बसपा से दो बार विधायक रहे स्वर्गीय धर्मपाल सिंह के पुत्र मनीष कुमार मोनू ने भी चुनाव मैदान में ताल ठोकी है। कांग्रेस ने वाल्मीकि कार्ड खेला है और जिला पंचायत सदस्य भावना वाल्मीकि को मैदान में उतारा है।
हापुड़ विधानसभा (सुरक्षित) सीट पर 17 बार चुनाव हो चुका है। क्षेत्र के मतदाताओं ने राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ एक बार निर्दलीय प्रत्याशी को भी जीत दिलाई थी। सबसे अधिक बार कांग्रेस के आठ प्रत्याशी जीते थे। जबकि 1962 में हुए चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी प्रेम सुंदर पर यहां की जनता ने विश्वास कर लखनऊ विधानसभा में भेजा था। रामलहर में वर्ष 1991 में भाजपा का हापुड़ सीट पर खाता खुला था। यहां से बिजेंद्र कुमार नक्शे वाले चुनाव में विजयी हुए थे। 1996 में और 2017 के चुनाव में भी भाजपा प्रत्याशियों ने बाजी मारी थी। मतदाताओं ने वर्ष 2002 में बसपा के प्रत्याशी पूर्व मंत्री स्वर्गीय धर्मपाल सिंह को चुना था। उसके बाद हुए वर्ष 2007 के चुनाव में भी बसपा प्रत्याशी धर्मपाल सिंह की विजयी हुए थे। समाजवादी पार्टी अभी तक इस सीट पर खाता नहीं खोल सकी है।