कालेज गेट पर थर्मल स्क्रीनिग और कक्षाओं में रहेगी शारीरिक दूरी
जागरण संवाददाता हापुड़ कोरोना काल के चलते अब तकरीबन आठ माह बाद दो दिसंबर यानि आज
जागरण संवाददाता, हापुड़
कोरोना काल के चलते अब तकरीबन आठ माह बाद दो दिसंबर यानि आज से एसएसवी पीजी कालेज खुल रहा है। यह पहली बार है, जब इतने लंबे समय तक कालेज बंद रहा हो। ऐसे में अब जब कालेज खुल रहा है तो छात्र-छात्राओं में गजब का उत्साह है। खासकर उन छात्रा-छात्राओं में काफी उत्सुकता है, जो इंटर की परीक्षा इसी वर्ष पास करने के बाद डिग्री कालेज में प्रवेश लिए हैं। हालांकि उन्हें कोविड-19 वायरस को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। पिछले दिनों योगी सरकार ने 23 नवंबर से प्रदेश में कालेजों और विश्वविद्यालयों को फिर से खोलने का निर्णय लिया था, लेकिन इसके लिए एक अनिवार्य शर्त भी रखी गई थी। जिसके मुताबिक शिक्षण संस्थानों में छात्रों की उपस्थिति किसी भी सूरत में 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। साथ ही कोविड-19 के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे। यानी सिर्फ आधे छात्र ही अपने-अपने कैंपस जाकर क्लास में शामिल हो सकेंगे। इसके लिए उन्हें महाविद्यालय में लिखित सहमति पत्र देना होगा। वहीं बाकी छात्र पहले की तरह ही आनलाइन क्लासेज के जरिए पढ़ाई करते रहेंगे। शासन से आदेश मिलने के बाद दिल्ली रोड स्थित एसएसवी पीजी कालेज की प्रबंधन समिति की बैठक हुई। जिसमें दो दिसंबर से महाविद्यालय में पठन-पाठन कार्य शुरू कराने का निर्णय लिया गया। इससे पहले महाविद्यालय में तैयारी पूरी करने और विद्यार्थियों से सहमति पत्र देने की अपील की गई। महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. मधुसूदन त्रिपाठी ने बताया कि महाविद्यालय में चार हजार से अधिक विद्यार्थी पंजीकृत हैं। जिनमें से 1500 से अधिक विद्यार्थियों ने सहमति पत्र दिए हैं। कोविड-19 प्रोटोकाल के अंतर्गत विद्यार्थियों को महाविद्यालय में बुलाया जाएगा। कक्ष की क्षमता के सापेक्ष सिर्फ 50 फीसदी विद्यार्थी ही बैठ सकेंगे। इस दौरान फेस मास्क, शारीरिक दूरी, थर्मल स्कैनिग, सैनिटाइजर और हैंडवाश करना होगा। गेट पर ही थर्मल स्कैनिग की जाएगी।
क्या कहते हैं विद्यार्थी
दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए महाविद्यालय जरूर जाएंगे, ताकि पठन-पाठन सुचारू रूप से चल सके। कक्षा में पढ़ाई करना और आनलाइन पढ़ाई करना दोनों में कोई समानता नहीं हैं। कक्षा में बैठकर पढ़ने से आसानी से समझ में आता है। दिव्या शर्मा, छात्रा, बीए द्वितीय वर्ष
आनलाइन पढ़ाई में नेटवर्क की समस्या ज्यादा रहती है। कुछ दिन के लिए मजबूरी में आनलाइन पढ़ाई तो ठीक है, लेकिन लगातार पूरे सत्र आनलाइन पढ़ाई करना बेहद कठिन है। भौतिक रूप से कक्षाएं शुरू होने से दिक्कत दूर होगी। अंकित गुप्ता, छात्र, बीएससी द्वितीय वर्ष