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एक ही रात में बुझ गए तीन घरों के चिराग

बाबूगढ़ थाना क्षेत्र का गांव अयादनगर दक्षिणी मंगलवार को गमगीन रहा। क्योंकि गांव के तीन युवकों की एक हादसे में मौत हो गई थी। तीनों मृतकों के शव को देखकर ग्रामीण आंसू नहीं रोक पा रहे थे। गमगीन माहौल में एक युवक का अंतिम संस्कार किया गया था। मृतक मोनू के पिता साऊदी अरब में होने के कारण देर शाम तक अंतिम संस्कार नहीं हो उनके आने का इंतजार किया जा रहा था। इस हादसे से पूरे गांव में चूल्हा तक नहीं जल पाया था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 08:34 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 08:34 PM (IST)
एक ही रात में बुझ गए तीन घरों के चिराग

जागरण संवाददाता, हापुड़ : बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के गांव अयादनगर दक्षिणी में मंगलवार को गम और सन्नाटा पसरा रहा। गांव के तीन युवकों की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो जाने से गांव का हर व्यक्ति दु:खी था। गांव में एक साथ तीन युवकों के शव को देखकर ग्रामीण अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे। गमगीन माहौल में एक युवक का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मोनू के पिता सऊदी अरब में नौकरी करते हैं। जिनके न पहुंचने के कारण देर शाम तक दोनों शवों का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका। दोनों युवक एक ही परिवार के सदस्य हैं।

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गांव अयादनगर दक्षिणी निवासी मोनू, रोबिन और परमजीत तीनों अच्छे दोस्त थे। रोबिन अपने माता-पिता का अकेला पुत्र था, उसकी एक छोटी बहन है। परमजीत अपनी दो बहनों से सबसे छोटा था और वह भी इकलौता था। तीनों दोस्त बीती रात विवाह समारोह में शामिल होने जा रहे थे, तो किसी ने नहीं सोचा था कि वह अब उन्हें दोबारा नहीं देख पाएंगे। तीनों युवकों के घर नहीं लौटने के कारण परिजनों ने उनकी तलाश की, लेकिन पता नहीं लग सका। फोन पर भी संपर्क नहीं हो पाया।

मंगलवार सुबह जब नहर में कार गिरी होने की सूचना परिजन को मिली तो सभी घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। कार से शव निकालने के बाद परिजन बेहाल हो गए। पुलिस के अनुसार तीनों युवकों के परिजन ने शवों का पोस्टमार्टम नहीं कराने का आग्रह किया। इस कारण पुलिस ने तीनों शवों को एबुंलेंस में रखकर पोस्टमार्टम कराए बिना ही गांव भेज दिए गए। शवों के गांव पहुंचते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई थी। शाम के समय रोबिन के शव का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। - नहर में पानी होता तो नहीं मिल पाते शव

बीती रात हुई दु:खद दुर्घटना के समय नहर सूखी है। नहर में यदि पानी होता तो शायद नहर में गिरे तीनों युवकों का पता लगा पाना बेहद मुश्किल होता। जिस स्थान पर यह हादसा हुआ है, वह दिन ढलने के बाद ही सुनसान हो जाता है। चार माह पूर्व पर इसी पुल से गिरी थी कार

हापुड़। ग्राम छपकौली के निकट बह रही नहर के पुल पर करीब चार माह पहले भी एक कार अनियंत्रित होकर गिर गई थी। लेकिन उस समय गनीमत रही थी कि बड़ा हादसा नहीं हुआ था। -दुर्घटना स्थल पर पूरे दिन लगा रहा कई गांवों के ग्रामीणों का तांता

पुल से कार गिरने की जानकारी मिलने पर ग्राम काठीखेड़ा, छपकौली आदि गांवों के ग्रामीण मौके पर पहुंचे। दुर्घटना स्थल पर पहुंचे सभी ग्रामीण दुर्घटना होने के कारणों की जानकारी लेते रहे। नहर पर एकत्र लोगों को देख वहां से गुजर रहे लोग भी वहां रुक कर पूछताछ कर रहे थे। -रात में होती दुर्घटना की जानकारी तो शायद बच जाती जान

दुर्घटना की देर रात में होने के कारण इसकी जानकारी किसी को नहीं हो पाई। मंगलवार सुबह खेतों पर पहुंचे किसानों ने इस दुर्घटना की जानकारी पुलिस को दी। लोगों का कहना है कि यदि रात में ही इस दुर्घटना की जानकारी मिल जाती तो शायद युवकों की जान बच सकती थी।


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