बंदरों के झपट्टे में बच्चे की जान गई
संवाद सहयोगी गढ़मुक्तेश्वरबंदरों के झपट्टे से बचकर भागने के प्रयास में संतुलन बिगड़ने पर छ
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर:
बंदरों के झपट्टे से बचकर भागने के प्रयास में संतुलन बिगड़ने पर छत से गिरे बच्चे की मौत हो गई। इस घटना से भयभीत और नाराज हुए ग्रामीण बंदरों के आतंक से मुक्ति दिलाने की गुहार लगाने को मजबूर हो गए हैं।
बहादुरगढ़ क्षेत्र के गांव सलोनी निवासी मांगेराम का दस वर्षीय बेटा विशाल रविवार की दोपहर को पड़ोस के बच्चों के साथ अपने घर की छत पर खेल रहा था। इसी दौरान पड़ोस के मकान से छलांग लगाकर कई बंदर वहां आ गए, जिन्हें अपने ऊपर झपटता देख खेलकूद में मस्त बच्चों के होश उड़ गए और उनमें भगदड़ मच गई। बंदरों के झपट्टे से बचकर भागने के प्रयास में संतुलन बिगड़ने से विशाल का पैर फिसल गया और वह छत से घर के आंगन में आ गिरा, जिसे स्वजन आनन-फानन में स्थानीय चिकित्सक के पास ले गए। जहां परीक्षण के दौरान चिकित्सक ने विशाल क मृत घोषित कर दिया, जिसकी खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया हालांकि स्वजन ने किसी भी पुलिस कार्रवाई के बिना बच्चे का शव घर लाने के उपरांत उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
बता दें कि गढ़, ब्रजघाट, सिभावली, बक्सर, डेहरा कुटी समेत समूचे क्षेत्र में बंदरों की तादाद और उनका आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है, जो आबादी से लेकर जंगल में खड़ी फसलों समेत बागों में भी जमकर नुकसान कर रहे हैं। जिसके चलते इससे पहले भी बंदरों के हमले में गढ़-ब्रजघाट समेत ग्रामीण अंचल में महिला बच्चों समेत दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं, जबकि बंदरों की उछलकूद के दौरान बिजली के तार टूटने से सप्लाई प्रभावित होना भी रोजमर्रा की गंभीर समस्या बनी हुई है।
गांव सलोनी में बच्चे विशाल की मौत होने से ग्रामीणों में बंदरों की दहशत बढ़ने के साथ ही उनमें रोष भी व्याप्त है। राजपाल, देवेंद्र, सुखबीर, महेश, जयपाल ने आबादी से लेकर फसल और बागों में नुकसान कर रहे बंदरों की धरपकड़ कराकर उनके आतंक से मुक्ति दिलाने की गुहार लगाई है। एसडीएम विजय वर्धन तोमर का कहना है कि वन विभाग के साथ रणनीति बनाकर क्षेत्र में बंदरों की धरपकड़ का अभियान चलाया जाएगा।