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Hapur Neem River News: तालाब की मनरेगा से खोदाई में फंसा तकनीकी पेच

Hapur Neem River News नदी का उद्गम स्थल गांव दत्तियाना में है। ऐसे में नदी पुनर्जीवित हो और इसका लाभ आने वाली पीढ़ियों को मिले इसके लिए दैनिक जागरण और नीर फाउंडेशन ने संयुक्त अभियान चलाया हुआ है।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 12:32 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 12:32 PM (IST)
Hapur Neem River News:  तालाब की मनरेगा से खोदाई में फंसा तकनीकी पेच
Hapur Neem River News: तालाब की मनरेगा से खोदाई में फंसा तकनीकी पेच

हापुड़ [मनोज त्यागी]। नीम नदी के उद्गम स्थल पर तालाब की जल्द खोदाई कराने में तकनीकी पेच फंस गया है। यही वजह है कि मनरेगा से तालाब की खोदाई कराने के लिए लघु सिंचाई विभाग के अफसर अभी तक जिला प्रशासन को प्रस्ताव नहीं भेज पाए हैं। तालाब की जल्द खोदाई कराने के लिए अफसरों ने मंथन शुरू कर दिया है। वहीं पर्यावरण प्रेमी दैनिक जागरण अौर नीर फाउंडेशन के साथ जुड़कर उद्गम स्थल पर पहुंचकर श्रमदान कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि नीम नदी को इसी वर्ष मानसून से पहले पुनर्जीवित किया जाए।

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जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते विलुप्त हो चुकी नीम नदी जिले से निकलने वाली एकमात्र नदी होती थी। जिसका उद्गम स्थल गांव दत्तियाना में है। नदी पुनर्जीवित हो और इसका लाभ आने वाली पीढ़ियों को मिले, इसके लिए दैनिक जागरण और नीर फाउंडेशन ने संयुक्त अभियान चलाया हुआ है। नीर फाउंडेशन के संस्थापक रमनकांत त्यागी द्वारा तैयार माडल पर इस नदी को पुनर्जीवित किया जाना है।

बता दें कि बीते सात जून को मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह ने उद्गम स्थल पर श्रमदान और पौधारोपण कर इसकी शुरुआत भी कर दी थी। साथ ही कहा था कि तालाब की खोदाई का कार्य मनरेगा के बजट से कराया जाए। जिसके लिए मुख्य विकास अधिकारी ने लघु सिंचाई विभाग के अफसरों से प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिए थे, लेकिन एक सप्ताह से अधिक समय बीतने के बाद भी प्रस्ताव जिला प्रशासन के पास नहीं भेजा गया है। इसको लेकर मुख्य विकास अधिकारी द्वारा पत्र लिखकर भी प्रस्ताव भेजने को कहा गया है, लेकिन अब मनरेगा से तालाब की खोदाई में तकनीकी पेच फंस गया है।

लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अविराम प्रसाद वर्मा का कहना है कि मनरेगा के दिशा-निर्देशों के मुताबिक एक हेक्टेयर से छोटे तालाब की खोदाई की जा सकती है। जबकि नीम नदी के तालाब का क्षेत्रफल करीब ढाई हेक्टेयर का है। वहीं मनरेगा से सिर्फ डेढ़ मीटर गहरा तालाब खोदा जा सकता है। जबकि नीम नदी के तालाब की खोदाई तीन मीटर गहरी होनी है। इसकी जानकारी मुख्य विकास अधिकारी और जिला विकास अधिकारी को मौखिक रूप से दे दी है।

मुख्य विकास अधिकारी उदय सिंह का कहना है कि नीम नदी को पुनर्जीवित करने को लेकर कार्य चल रहा है। जल्द ही जिलाधिकारी से निर्देश लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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