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समाधान : एसपीवी के लिए दिल खोलकर आगे आए उद्यमी

जागरण संवाददाता हापुड़ पिलखुवा की टेक्सटाइल सिटी स्थित बंद पड़ी फैक्ट्रियों के खुलने का

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Apr 2021 06:48 PM (IST)Updated: Tue, 06 Apr 2021 06:48 PM (IST)
समाधान : एसपीवी के लिए दिल खोलकर आगे आए उद्यमी
समाधान : एसपीवी के लिए दिल खोलकर आगे आए उद्यमी

जागरण संवाददाता, हापुड़ :

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पिलखुवा की टेक्सटाइल सिटी स्थित बंद पड़ी फैक्ट्रियों के खुलने का रास्ता निकलता दिखाई दे रहा है। बंद पड़े एकीकृत जल शोधन संयंत्र(सीईटीपी) को चलाने के लिए उद्यमियों का समूह आगे आया है। उद्यमियों ने कंपनी एक्ट के अंतर्गत स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) का गठन करने के लिए दस्तावेजों के साथ आवेदन किया है। एसपीवी का गठन होते ही प्राधिकरण द्वारा सीईटीपी, एसपीवी को हैंडओवर कर दिया जाएगा। नियमों के अंतर्गत सीईटीपी का संचालन शुरू होते ही फैक्ट्रियां शुरू हो जाएंगी। फैक्ट्रियों के दूषित पानी का शोधन करने के लिए टेक्सटाइल सेंटर में एचपीडीए द्वारा एकीकृत जलशोधन संयंत्र(सीईटीपी) लगाया गया था। सीईटीपी की शुरुआत से इसका संचालन एचपीडीए द्वारा किया जा रहा है। दिसंबर 2020 में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की टीम ने पिलखुवा पहुंचकर सीईटीपी का निरीक्षण किया था, जिसमें 15 बिदुओं पर खामियां मिली थीं। निरीक्षण संबंधित जानकारी होने के बावजूद वित्तीय समस्या के चलते प्लांट से खामियां दूर नहीं की जा सकीं। इसके बाद 19 मार्च को एनएमसीजी के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने एचपीडीए को कड़ी चेतावनी देते हुए सीईटीपी का संचालन तत्काल प्रभाव से बंद करने के आदेश दिए। एक अप्रैल को सीईटीपी बंद होने के चलते फैक्ट्रियां भी बंद हो गईं। 20 हजार से अधिक परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है, जिसके बाद हापुड़ से लखनऊ और दिल्ली में अफरा-तफरी मच गई। तब से प्राधिकरण के अफसर और उद्यमी समस्या का समाधान करने में लगे हुए हैं। प्राधिकरण की उपाध्यक्ष अर्चना वर्मा ने बताया कि कंपनी एक्ट में एसपीवी का गठन करने के लिए उद्यमियों ने आवेदन किया है। इसमें सिर्फ वही उद्यमी हैं, जिनकी टेक्सटाइल सिटी में फैक्ट्रियां हैं। एसपीवी का गठन होने के बाद सीईटीपी को हैंडओवर कर दिया जाएगा।

अवस्थापना निधि से मिल सकती है मदद - प्राधिकरण की उपाध्यक्ष अर्चना वर्मा ने बताया कि एसपीवी का जल्द गठन होने की उम्मीद है। एसपीवी गठित होते ही सीईटीपी हैंडओवर कर दिया जाएगा, जहां तक एसईटीपी को अपग्रेड करके चलाने का सवाल है तो अपग्रेडश के लिए धनराशि के कुछ भाग को अवस्थापना निधि से दिलाया जा सकता है। इसके लिए मंडलायुक्त से वार्ता की गई है। उन्होंने आश्वासन दिया है।


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