Hapur Neem River News: शूटर दादी प्रकाशो ने दी लोगों को नसीहत, सभी समझें पानी के महत्व को
Shooter Dadi Hapur Neem River News नीम नदी को पुनर्जीवित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए शूटर दादी प्रकाशी ने कहा कि किसी काम को लेकर जब समाज जुट जाता है तो वह काम पूरा होकर ही रहता है।
हापुड़ [मनोज त्यागी]। दैनिक जागरण और नीर फाउंडेशन द्वारा करीब चार महीने पहले लिया गया संकल्प अब साकार होता नजर आ रहा है। अभियान की कड़ी में रविवार को शूटर दादी प्रकाशी और उत्तर प्रदेश श्रमिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुनील भराला नीम नदी के उद्गम स्थल पर पहुंचे और वहां श्रमदान किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण भी नदी के उद्गम स्थल पर पहुंचे।
नीम नदी को पुनर्जीवित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए शूटर दादी प्रकाशी ने कहा कि किसी काम को लेकर जब समाज जुट जाता है तो वह काम पूरा होकर ही रहता है। दैनिक जागरण और नीर फाउंडेशन ने जो बीड़ा नीम नदी को पुनर्जीवित करने के लिए उठाया है और उसमें पूरे समाज को भी जोड़ा है, तो नीम नदी बहुत जल्द ही पुनर्जीवित हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पानी की क्या महत्ता है यह सभी जानते हैं पर उसे अपने जीवन में नहीं उतारते हैं।
शूटर दादी ने कहा कि पानी मानव से लेकर जीव जन्तु, पशु पक्षी, पेड़ पौधे सभी के लिए जरूरी है। लेकिन मानव इसका दोहन करने में जुटा है और इसे व्यर्थ बहा रहा है या बहने दे रहा है। इसका महत्व नहीं समझता है। जब हम सब मिलकर पानी को संरक्षित करेंगे तभी आने वाली पीढ़ी को हम कुछ दे पाएंगे। जो लोग इस अभियान से जुड़ गए हैं वह बधाई के पात्र हैं और जो नहीं जुड़ पाए हैं वह इससे जुड़कर यहां आकर श्रमदान करें। नदी के जीवित होने से क्षेत्र में खुशहाली आएगी।
वहीें, सुनील भराला ने कहा कि मुझे जैसे ही नीम नदी के पुनर्जीवित होने के अभियान की जानकारी मिली तो मैं अपने को रोक नहीं पाया। आज यहां आकर श्रमदान करने से मुझे आत्मीय खुशी मिली है। नीर फाउंडेशन और दैनिक जागरण जिस तरह से नदी के लिए काम कर रहे हैं वह बधाई के पात्र हैं। यह बहुत ही पुण्य कार्य है। देश के प्रधानमंत्री भी कह चुके हैं कि हमें बरसात की एक-एक बूंद को संजोना है। नदी और तालाब इसमें बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कुछ लोग नदी और तालाबों पर कब्जा कर लेते हैं। उन्हें दत्तियाना गांव के लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए जिन्होंने स्वयं अपनी मर्जी से नदी की जमीन को खाली कर दिया है। हमें अपने-अपने क्षेत्र में तालाबों की सफाई के लिए काम करना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए नदी पुत्र रमनकांत त्यागी ने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब नदी अपना स्वरूप ले लेगी। जून के अंत तक बरसात आने की संभावना जताई जा रही है। इससे पहले ही नदी की खोदाई का काम पूरा कर लिया जाएगा। हम सब मिलकर बहुत जल्द नीम नदी में स्नान करेंगे। नदी को पुनर्जीवित करने के लिए लोगों में बहुत उत्साह है। जो लोग भी नदी में श्रमदान करना चाहें उनका स्वागत है।
पर्यावरण प्रेमी और नीम नदी को पुनर्जीवित करने के लिए लगातार काम कर रहे सदस्य राष्ट्रीय परिषद स्वदेशी जागरण मंच कर्मवीर सिंह ने कहा कि यह नदी बहुत जल्द बहेगी और क्षेत्र में खुशहाली लाएगी। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन नदी को पुनर्जीवित करने में सहयोग नहीं करता है, तो वह दो दिन जेसीबी मशीन स्वयं अपने पैसे से चलाकर नदी को पुनर्जीवित करने के लिए काम करेंगे।
कार्यक्रम के संयोजक राजीव त्यागी ने कहा कि यह खुशी की बात है कि नीम नदी जल्द पुनर्जीवित होगी। सबसे जरूरी है कि हम मीठे पानी को समुद्र में जाने से रोकें और नालियों के पानी को तालाब में डालें तो इससे भी भूजल स्तर बढ़ेगा। मैं स्वयं भी अपने पैसे से एक दिन जेसीबी मशीन चलवाकर खोदाई कराऊंगा। ग्राम प्रधान रजनीश त्यागी ने कहा कि वह नीम नदी के पुनर्जीवन के लिए अपने व्यक्तिगत सहयोग के रूप में पांच दिन नदी में खोदाई का काम कराएंगे। कार्यक्रम से पहले शूटर दादी प्रकाशी ने नदी के बारे जाना।