शारदीय नवरात्र के चलते बाजारों में बढ़ी भीड़-भाड़, दुकानदार खुश
जागरण संवाददाता हापुड शारदीय नवरात्र के चलते बाजारों में रौनक लौट आई है। नवरा
जागरण संवाददाता, हापुड :
शारदीय नवरात्र के चलते बाजारों में रौनक लौट आई है। नवरात्र की शुरुआत के साथ त्योहारों का सीजन शुरू हो जाता है। नवरात्र के उपरांत दशहरा, करवाचौथ, गंगा स्नान दिवाली और फिर भैयादूज लगातार त्योहार रहते हैं। इसके चलते बाजार गुलजार होने शुरू हो गए है। बाजारों में उमड़ रही भीड़-भाड़ के चलते दुकानदारों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं। शनिवार को पहला नवरात्र है। इसके चलते शुक्रवार को सुबह से ही बाजारों में लोगों की भीड़ देखने को मिली। पूजन सामग्री नारियल, चुनरी, धूपबत्ती, मां की मूर्ति आदि बेचने वालों की दुकानों पर जबर्दस्त भीड़ देखने को मिली। हापुड़ शहर की गोल मार्केट, रेलवे रोड, मेरठ रोड, दिल्ली रोड आदि बाजार गुलजार रहे। पिलखुवा में भी गांधी बाजार, रेलवे रोड, मंडी तिराहा, जवाहर बाजार में पूजन सामग्री एवं माता की सजावट का सामान बेचने वाले दुकानदारों के पास ग्राहकों की भीड़ देखने को मिली। पूजन सामग्री बेचने वाले दुकानदार गिरीश शर्मा ने बताया कि चैत्र के नवरात्र में लाकडाउन के कारण सीजन खराब हो गया था। शारदीय नवरात्र में बाजार खुलने और ग्राहकों की उमड़ रही भीड़ से उम्मीद है कि लाकडाउन के दौरान हुए नुकसान की दिवाली तक पूर्ति हो जाएगा। कोरोना को हराना है तो घरों में करेंगे पूजा - कोरोना को हराने के लिए इस नवरात्र घर में ही पूजा करेंगे। हर रोज देवी मां से कोरोना के अंत और देश में सुख समृद्धि की कामना की जाएगी।
-- हेमा शर्मा, मोहल्ला छिद्दापुरी
- चैत्र नवरात्र की तरह इन नवरात्र भी घरों में ही रखकर परिवार के साथ पूजा अर्चना करने का मन बनाया है। सांझी की पूजा के दौरान कन्याओं को एकत्र नहीं किया जाएगा।
-- आरती सोनी, मोहल्ला गढ़ी - कोरोना महामारी से खुद और दूसरे के बचाव के लिए जरूरी है कि हम कोविड-19 के नियमों का पालन करें। इसके लिए मैंने और परिवार ने ठाना है कि इस नवरात्र हम घर में रहकर पूजा करेंगे।
-- रिकी शर्मा, हापुड़
- माता की पूजा वैसे तो घर में ही होती है। नवरात्र के दौरान रामलीला का मंचन हुआ करता था। इस बार अभी तक रामलीला के मंचन की सूचना नहीं है। इसलिए घर में रहकर देवी को प्रसन्न करेंगे। -- बीना वर्मा, हापुड़
------------------- क्या है माता की पोशाकों के रेट - चुनरी-15 रुपये से 1400 रुपये तक श्रंगार- 15 रुपये से 250 रुपये तक पोशाक का कपड़ा- 80 से 500 रुपये मीटर चंडी मैया की पोशाक- 100 रुपये से शुरू
नारियल- 15 से 32 रुपये हार- 10 से 100 ---- खाद्य वस्तुओं के रेट प्रति किलो - देशी घी का पैक 430 से 500 रुपये (एक लीटर) काजू 900 से 1000 रुपये मूंगफली 120 से 140 रुपये सामग्री 70 रुपये किलो चीनी 38 से 40 रुपये किलो मखाने 650 से 750 रुपये किलो सिघाड़े का आटा 150 से 160 रुपये किलो चौलाई 100 से 120 रुपये किलो समा के चावल 80 से 90 रुपये किलो साबुतदाना 90 रुपये किलो साबुत कुट्टू 60 रुपये किलो कुट्टू का आटा 100 रुपये किलो (नोट:कीमतों में परिवर्तन संभव है)