जिले की ग्रामीण महिलाओं ने प्रदेश में फहराया परचम
जागरण संवाददाता हापुड़ पारिवारिक मर्यादा का मान रखकर उनकी तंगहाली दूर करने के ि
जागरण संवाददाता, हापुड़ :
पारिवारिक मर्यादा का मान रखकर उनकी तंगहाली दूर करने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का हिस्सा बनीं जनपद की ग्रामीण महिलाएं प्रदेश के लिए नजीर बन चुकी हैं। आत्मविश्वास व संघर्ष के बूते वह खुद आगे बढ़ीं तो वहीं जिले को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन(एनआरएलएम) की प्रदेश स्तर पर जारी रैंकिग में हापुड़ को शीर्ष पर पहुंचा दिया। जिले ने 84.12 अंक प्राप्त कर पहले नंबर पर जनपद काबिज हुआ। इस सफलता का श्रेय मिशन से जुड़े अफसरों व कर्मियों को भी जाता है। जनपद का प्रमुख पेशा कृषि है। यहां सिर्फ दो फसलें रबी व खरीफ होतीं हैं। खरीफ असिचित फसल के दायरे में आती है। बारिश पर इसका अधिक उत्पादन निर्भर करता है। ऐसे में किसानों की आय का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। खासकर कम जोत वाले किसानों के समक्ष हमेशा आर्थिक संकट बना रहता है। घरेलू महिलाओं के माध्यम से इस संकट को दूर करने के लिए जनपद में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन संचालित किया जा रहा है। इस मिशन में अब तक 1550 समूह गठित करके इनसे 1782 महिलाओं को जोड़ा जा चुका है। इनको छोटी-छोटी बचत कर कारोबार सिखाया गया। समूह से जुड़ीं जिले की महिलाओं ने भी अपनी जबरदस्त क्षमता से परिचित कराया। उन्होंने वह कर दिया जो पुरुष नहीं कर सके। इन गतिविधियों की चर्चा प्रदेश स्तर पर भी होने लगी। वित्तीय वर्ष 2020-21 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत माह जनवरी 2021 तक की प्रगति के आधार पर जनपद हापुड़ ने पूरे उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश स्तर पर जारी रैंकिग में हापुड़ को कुल 84.12 अंक प्राप्त हुए, जिसमें जनपद हापुड़ शीर्ष स्थान पर काबिज हुआ है। मुख्य विकास अधिकारी उदय कुमार सिंह ने कहा कि सभी की मेहनत रंग लाई है।
इस आधार पर जारी हुई रैंकिग
रैंकिग में समूहों की संख्या उनके बचत खाते, रिवाल्विग फंड व सामुदायिक निवेश निधि, बैंक से ऋण, ग्राम संगठन का गठन, समूह के सदस्यों को आजीविका गतिविधियों से जोड़ना, ग्राम संगठन को जोखिम निवारण निधि प्रदान करना, सामुदायिक कैडरों का प्रशिक्षण विभिन्न विभागीय योजनाओं से समूह सदस्यों को लाभांवित करना आदि प्रगति का आधार बनाया जाता है। इन कार्यों से घूम रहा महिलाओं की आमदनी का मीटर
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने मल्चिग विधि से खेती, कैंटीन, दुकान, आयुर्वेदिक खेती, नर्सरी, पत्थर के बोर्ड बनाने के साथ ही बिजली के बिलों का वितरण और वसूली, खाद्यान्न वितरण सहित तमाम कारोबार शुरू कर दिए। आंगनबाड़ी केंद्रों तक जरूरी सामग्री, शौचालयों की देखरेख की जिम्मेदारी संभाल ली। इससे उनकी आमदनी में इजाफा हुआ और परिवार के साथ समाज में महिलाओं की कद्र भी बढ़ने लगा है।
निगरानी से मिली मिशन को उड़ान
इस सफलता में महिलाओं की मेहनत के साथ अफसरों की निगरानी का भी बड़ा योगदान है। मिशन प्रबंधक तकसीर अहमद ने बताया कि जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की गतिविधियों पर निरंतर नजर रखी। समय-समय पर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए, जिनका गंभीरता से पालन कराया गया।
बनारस-अलीगढ़ को पीछे छोड़ा
शासन द्वारा जारी रैंकिग में हापुड़ 84.12 अंकों के साथ पहले स्थान पर है। जबकि 81.08 अंकों के साथ अलीगढ़ दूसरे पर, 78.62 अंकों के साथ वाराणसी तीसरे नंबर पर है। जबकि 17.27 अंकों के साथ जनपद कासगंज निचले स्थान पर है।