Move to Jagran APP

Neem River Latest News: नदियां इंसान के लिए जीवनदायिनी, इसके बगैर सब अधूरा

Hapur Neem River News नीम नदी में अगर सुधार होगा है तो यह सभी के लिए बेहतर होगा। इसीलिए सभी को किसी न किसी रूप में नीम नदी के सुधार में अपना योगदान देना ही चाहिए। ऐसा करना हमारी मजबूरी नहीं कर्तव्य होना चाहिए।

By Shubham GoelEdited By: Published: Sun, 14 Mar 2021 09:57 PM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 04:44 PM (IST)
Neem River Latest News: नदियां  इंसान के लिए जीवनदायिनी, इसके बगैर सब अधूरा
नीम नदी में अगर सुधार होगा है तो यह सभी के लिए बेहतर होगा।

हापुड़ [मनोज त्यागी]। जहां एक ओर नदी की सफाई सिंचाई विभाग करा रहा है वहीं, लोग दैनिक जागरण के अभियान आओ बचाएं नीम नदी में लगातार जुड़ते जा रहे हैं। नीम नदी के किनारे बसे गांवों में दैनिक जागरण लगातार पंचायत कर लोगों को नीम नदी की महत्ता के बारे में बताकर उन्हें जागरूक कर रहा है। इसी क्रम में गांव खुराना (कुराना) में पंचायत आयोजित की गई, जिसमें ग्रामीणों ने दैनिक जागरण के साथ अपने अनुभव बांटे। साथ ही नीम नदी को बचाने के लिए संकल्प लिया। पंचायत में मुख्य रूप से आजाद वीर, सतवीर, पुनीत, संजीत, दीपक, राजेंद्र प्रसाद, हरकेश चंद्र शर्मा, जीत सिंह शामिल हुए। जागरण की इस मुहिम में नदी पुत्र रमन कांत त्यागी लोगों को नदी के महत्व और उसे कैसे पुनर्जीवित किया जाए, इसके बारे में बता रहे हैं। नदियां जीवनदायिनी हैं। हम नदियों के बगैर अधूरे हैं। हमें यह भी दंभ नहीं पालना चाहिए कि हम नदियों के वर्तमान परिदृश्य में सुधार लाकर बड़ा कार्य कर लेंगे बल्कि, ऐसा करके हम अपने व अपनी आने वाली पीढि़यों के जीवन को सुरक्षित करेंगे। नीम नदी में अगर सुधार होगा है तो यह सभी के लिए बेहतर होगा। इसीलिए सभी को किसी न किसी रूप में नीम नदी के सुधार में अपना योगदान देना ही चाहिए। ऐसा करना हमारी मजबूरी नहीं कर्तव्य होना चाहिए।

loksabha election banner

दैनिक जागरण इस कार्य में अपनी भूमिका बाखूबी निभा रहा है, जिसका असर चारों ओर दिखने लगा है, अब लोग कम से कम नीम नदी की बात तो कर रहे हैं। मैं दैनिक जागरण द्वारा आयोजित होने वाली पंचायत में पहुंच रहा हूं। लोगों से नीम नदी को लेकर चर्चा कर रहा हूं, लेकिन कहीं भी युवा पीढ़ी को नीम नदी के बारे में जानकारी नहीं है। दैनिक जागरण के अभियान से अब युवाओं को भी नीम नदी के बारे में जानकारी हो रही है। सभी इस अभियान से जुड़ रहे हैं। - रमन कांत त्यागी (नदी पुत्र), सदस्य उत्तर प्रदेश वन्य जीव परिषद।

ये बात सभी जानते हैं कि पानी कितना महत्वपूर्ण है लेकिन, इसकी बचत के लिए कोई कदम नहीं उठाता है। दैनिक जागरण ने पानी की कीमत को समझा और उसे बचाने के लिए मुहिम छेड़ी है। हम सब भी इसमें सहयोग करेंगे। नीम नदी को लोग अब भूलने लगे थे। यह नदी इस क्षेत्र के लिए जीवन रेखा के रूप में काम करती थी। जहां यह जमीन के नीचे पानी का लेबल ठीक रखती थी वहीं, ज्यादा बारिश होने पर खेतों में होने वाले नुकसान को कम करती थी। ये नदी बारिश के पानी को अपने में मिला लेती थी और खेतों से पानी निकल जाता था। - संतरपाल सिंह, गांव खुराना

यह बात सही है कि हमारे से नीचे वाले बालकों को तो नीम नदी के बारे में जानकारी ही नहीं है। वह तो इसे नाले के रूप में जानते हैं। हमने तो इसे एक दो बार ही बहते हुए देखा है। वह भी तब जब बहुत तेज बारिश होती है। वरना, यह नदी तो अब सूख चुकी है। इस पर कोई ध्यान भी नहीं देता है। जब हमने दैनिक जागरण में पढ़ा कि नदी को बचाने के लिए अभियान छेड़ा है, तो अंदर से लगा, चलो कोई तो आगे आया। अब विश्वास होने लगा है कि नीम नदी नाला नहीं नदी का रूप लेगी। - राजकुमार सिंह, गांव खुराना

अब नदी नहीं बहती है। लंबा समय बीत चुका है, जब नदी को बहते हुए देखा था। एक समय था जब ज्यादा तेज बारिश हो जाती थी, तो पूरे जंगल में पानी भर जाता था। खेतों से चारा भी काटना मुश्किल होता था। धीरे-धीरे नदी अपने में पानी को समेटते हुए ले जाती थी। इसके बाद ही खेतों में दूसरी फसल की बुआई हो पाती थी। जब नदी बहती थी, तो जमीन के नीचे का पानी भी ऊपर ही था। आसानी से पानी निकल आता था। अब तो पानी बहुत नीचे चला गया है। - सतवीर सिंह, गांव खुराना

पहले बारिश होती थी, तो नीम नदी बहती थी। अब न तो बारिश हो रही है और न ही नदी बहती है। नदी पूरी तरह से सूख चुकी है। नदी की सफाई की जाए, तो नदी दोबारा नदी बहेगी। नदी की गहराई और चौड़ाई भी देखी जानी चाहिए। ताकि नदी अपने सही रूप में आ सके। - ओमकार सिंह, गांव खुराना

हमें तो नीम नदी का पता ही नहीं था। आज जब नीम नदी को लेकर बात हो रही है, तब पता चल रहा है कि ये नदी है। हम तो इसे बरसाती नाले के रूप में जानते थे। हमने इसे कभी बहते हुए नहीं देखा। जब दूसरे लोग बता रहे हैं कि नदी में बहुत पानी होता था। मैं दैनिक जागरण को धन्यवाद देता हूं कि उसने नदी को बचाने के लिए कदम उठाया है। हम सब बच्चे नदी को बचाने के लिए काम करेंगे। - जनक सिंह, ग्रामीण


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.