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रेबीज के इंजेक्शन की किल्लत से रोगी परेशान

जागरण संवाददाता, हापुड़ रैबीज के इंजेक्शन की किल्लत के कारण गरीब रोगी सरकारी अस्पतालों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। बंदर और कुत्तों के काटने के बढ़ते जा रहे मामलों के बीच इंजेक्शन की कमी रोगियों को और ज्यादा परेशान कर रही है। मजबूरन रोगी बाजार से महंगे इंजेक्शन लगवाने को मजबूर हैं। धौलाना स्थित स्वास्थ्य केंद्र व गढ़ रोड हापुड़ स्थित अस्थाई जिला अस्पताल में करीब एक सप्ताह से कुत्ते के काटने के बाद लगवाए जाने वाले (एंटी रैबीज) इंजेक्शन नहीं है। लिहाजा हर रोज 20 से 25 पीड़ित लोगों को यहां से बिना इंजेक्शन के मायूस लौटना पड़ रहा है। कुत्ते के काटने पर संक्रमण से बचने के लिए उपचार कराने अस्पताल आने वाले रोगियों को रैबीज का इंजेक्शन नहीं होने की बात

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 07:27 PM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 07:27 PM (IST)
रेबीज के इंजेक्शन की किल्लत से रोगी परेशान
रेबीज के इंजेक्शन की किल्लत से रोगी परेशान

जागरण संवाददाता, हापुड़ : रेबीज के इंजेक्शन की किल्लत के कारण गरीब रोगी सरकारी अस्पतालों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। बंदर और कुत्तों के काटने के बढ़ते जा रहे मामलों के बीच इंजेक्शन की कमी रोगियों को और ज्यादा परेशान कर रही है। मजबूरन रोगी बाजार से महंगे इंजेक्शन लगवाने को मजबूर हैं।

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धौलाना स्थित स्वास्थ्य केंद्र व गढ़ रोड हापुड़ स्थित अस्थाई जिला अस्पताल में करीब एक सप्ताह से कुत्ते के काटने के बाद लगवाए जाने वाले (एंटी रेबीज) इंजेक्शन नहीं है। लिहाजा हर रोज 20 से 25 पीड़ित लोगों को यहां से बिना इंजेक्शन के मायूस लौटना पड़ रहा है। कुत्ते के काटने पर संक्रमण से बचने के लिए उपचार कराने अस्पताल आने वाले रोगियों को रेबीज का इंजेक्शन नहीं होने की बात कहकर चिकित्सक बैरंग लौटा रहे हैं। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें संक्रमण से बचने के लिए किसी से पैसे उधार लेकर इंजेक्शन खरीदकर लाना पड़ रहा है। उन्होंने इस मामले में अस्पताल प्रशासन पर रोगियों की अनदेखी का आरोप लगाया है। इंजेक्शन की उपलब्धता नहीं होने से लोगों को बाजार से दवा व इंजेक्शन खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। इस मामले में अस्पताल प्रशासन उदासीन बना हुआ है। --क्या कहते हैं अधिकारी

सभी जगह रेबीज के इंजेक्शन उपलब्ध करा दिए गए हैं। इन दिनों इंजेक्शन की कमी बनी हुई है। उन्होंने कुछ दिन पहले ही छह सौ इंजेक्शन खरीदे थे। शासन से ज्यादा इंजेक्शन खरीदने के लिए बजट जारी नहीं किया जाता है। फिलहाल तो उन्होंने खरीदकर उपलब्ध करा दिए हैं।

-डा. राजवीर ¨सह, सीएमओ, हापुड़


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