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निजीकरण के विरोध में बैंककर्मियों की हड़ताल शुरू, प्रदर्शन

जागरण संवाददाता हापुड़ सरकार के दो बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ सोमवार से

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 07:55 PM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 07:55 PM (IST)
निजीकरण के विरोध में बैंककर्मियों की हड़ताल शुरू, प्रदर्शन
निजीकरण के विरोध में बैंककर्मियों की हड़ताल शुरू, प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, हापुड़

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सरकार के दो बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ सोमवार से बैंकिग संगठनों की हड़ताल शुरू हो गई। दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन जनपद के सभी सरकारी बैंक बंद रहे और सैंकड़ों बैंककर्मी कार्य से विरत रहे। निजीकरण के विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर बैंककर्मी बुलंदशहर रोड स्थित केनरा बैंक के बाहर एकत्र हुए और प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान संगठनों के पदाधिकारियों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। हड़ताल के चलते करोड़ों का लेन-देन प्रभावित रहा।

यूनियंस के जिला मंत्री एलआर गुप्ता ने कहा कि बैंक कर्मियों की हड़ताल के चलते लोगों को परेशानी हो रही इसका हमे भी दुख है, लेकिन सरकार की मजदूर, जनता और किसान विरोधी नीतियों के चलते हड़ताल करने को मजबूर हैं। प्रदर्शन करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय श्रम संगठनों द्वारा आयोजित बैंकों के निजीकरण के उपाय किए जाएं। बैंक कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना को समाप्त कर नई योजना लागू की जाए। बकाएदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। बैंकों में जमा राशि पर ब्याज बढ़ाई जाए। ग्रामीण बैंकों के कर्मियों के लिए 11वें वेतन समझौते को लागू किया जाए। अस्थायी बैंक कर्मियों को स्थायी किया जाए।

रीजनल सेक्रेट्री वेद प्रकाश ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण एनपीए दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। बार-बार बैंकों को सरकार से पूंजी मांगनी पड़ती है। पर्याप्त मात्रा में कार्य के अनुरूप भर्ती नहीं हो रही है। दिन पर दिन कार्य का बोझ बढ़ता जा रहा है। बैंक कर्मी दबाव में कार्य कर रहे हैं। शीशपाल, प्रमोद कुमार और विनय वर्मा ने संयुक्त रूप से कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण बैंकों के रुपये लोग लेकर भागते जा रहे हैं। ऐसे लोगों को खिलाफ कार्रवाई की जाए। देश की आर्थिक नीतियों का जनता किसानों और मजदूरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। सरकार आर्थिक नीतियों के सुधार के नाम पर जनता का धन पूंजीपतियों के हाथों में सौंपने जा रही है। उन्होंने कहा कि बजट सत्र में लिए गए दो बैंकों के निजीकरण का प्रावधान कतई गलत है। निजी बैंक देश की आर्थिक स्थिति में को मजबूत बनाने के लिए पूर्ण सहयोग प्रदान नहीं कर सकते।

प्रदर्शन करने वालों में मनोज भारद्वाज, आरएस गुप्ता, पीके गर्ग, राहुल, दीपक कुमार, मांगेराम, शीशपाल, वीके शर्मा, रोशन कुमार, मयंक, अमरीश, प्रदीप कुमार, एसएस खन्ना, राजवीर सिंह, धर्मवीर, नवनीत कुमार, महेश चंद्र, योगेश शर्मा, अभिषेक राज, राहुल कुमार, राकेश कुमार, संदीप कुमार, मयंक पांडे, दीपक कुमार, चेतन कुमार, मोहित कुमार, अनूप कुमार, विवेक कुमार, दिनेश कुमार, सीपी सिंह, एसपी सिंह, अंबुज कुमार, अंकित कुमार आदि उपस्थित रहे। भटकते रहे ग्राहक, हुए परेशान

बैंकों में हड़ताल का असर बैंक ग्राहकों पर दिखा। अपने बैंक संबंधी कार्य कराने के लिए ग्राहक भटकते दिखाई दिए। हालांकि कुछ निजी बैंक हड़ताल में शामिल नहीं हुए और सामान्य दिनों की तरह बैंकों में कार्य संचालित हुआ। बैंक संबंधी कार्याें के लोगों के आधार कार्ड संबंधी कार्य भी नहीं हो सके। किसी एटीएम पर रही भीड़, कोई रहा खाली

नगर के कुछ बैंकों के एटीएम दोपहर तक खाली हो गए। लोग एक एटीएम से दूसरे एटीएम में रुपये निकालने के लिए भटकते नजर आए। जिन एटीएम से रुपये की निकासी हो रही थी उनके बाहर लोगों की लंबी लाइन देखने को मिली। ऐसे में लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बैंकों के बाहर हड़ताल का नोटिस किया चस्पा

दो दिवसीय हड़ताल के चलते बैंक कर्मियों ने बैंकों के बाहर हड़ताल का नोटिस चस्पा कर दिया। नोटिस को देख लोग मायूस होकर वापिस लौटते नजर आए। वहीं दूसरी ओर हड़ताल के चलते लोगों को जरूरी कार्य भी नहीं निपट सके। डाकघर के बैंक से हो सकती है रुपये की निकासी

बैंक हड़ताल के चलते यदि किसी व्यक्ति को रुपये की अधिक आवश्यकता पड़ती है तो वह डाकघर के बैंक से रुपये की निकासी कर सकते हैं। चाहे आपका किसी भी बैंक में खाता हो। उसके लिए केवल लोगों को आधार कार्ड नंबर की आवश्यकता पड़ेगी। हेड पोस्ट मास्टर अरुण मोहन ने बताया कि डाकघर के बैंक से आधार कार्ड नंबर बताकर रुपये निकाले जा सकते हैं। इसके अलावा लोग डाकिये से संपर्क कर घर बैठे भी रुपये ले सकते हैं।


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