प्रधानजी..दामन पर लगा बैठे दाग, कैसे लड़ेंगे चुनाव?
गौरव भारद्वाज हापुड़ जनता ने जिन्हें गांव में विकास कराने के लिए चुना था उनमें से कुछ
गौरव भारद्वाज, हापुड़
जनता ने जिन्हें गांव में विकास कराने के लिए चुना था, उनमें से कुछ प्रधान सरकारी धन से अपने विकास में जुटे रहे। जिले के एक दर्जन से अधिक ग्राम प्रधान ऐसे थे, जो पिछले पांच साल के कार्यकाल में अपने दामन पर भ्रष्टाचार का दाग लगवा बैठे। कुछ ने दुरुपयोग की गई धनराशि जमा करके वित्तीय अधिकार बहाल कराए तो कुछ ने अभी तक धनराशि जमा नहीं कराई है। जबकि कुछ प्रधान ऐसे रहे, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे, लेकिन जांच में उन्हें क्लीन चिट मिली। वहीं कुछ ऐसे रहे जो अच्छे काम के दम पर शासन से प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने में सफल रहे। भले ही अभी पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ हो, लेकिन किसी भी प्रत्याशी की चुनावी डगर आसान नहीं होगी। पूरे पांच साल गांव के जागरूक लोगों ने प्रधानों से पाई-पाई का हिसाब मांगा। सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाए। अब ये लोग निर्वतमान प्रधानों की कारगुजारियों को जनता के सामने रखेंगे। दैनिक जागरण ने पांच साल में पंचायतों में हुई बड़ी कार्रवाई पर रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें कई प्रधानों को दाम पर दाग लगा मिला। प्रधानों को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत डीएम द्वारा वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार सीज किए जाने के बाद कुछ प्रधानों ने उच्च न्यायालय की शरण ली। लेकिन, उन्हें राहत नहीं मिली। अंत में उन्हें अनियमितता की धनराशि ग्राम विकास निधि में जमा करने पर ही राहत मिली। कोरोना ने सीज कराए अधिकार
मार्च 2020 में कोरोना महामारी के चलते लाकडाउन लागू किया गया। बाहर से गांव में आने वाले व्यक्तियों की सूचना देने का जिम्मा ग्राम प्रधान और सचिवों को सौंपा। अप्रैल माह में गांव हावल और गांव मदापुर में विदेशी नागरिक मिले। लापरवाही मिलने पर जिलाधिकारी ने दोनों गांवों के प्रधानों के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार सीज कर लिए।
साफ रहा निर्विरोध चुने प्रधानों का दामन वर्ष 2015 में निर्विरोध चुने गए ग्राम प्रधानों का दामन पांच साल साफ रहा। यानि उनके दामन पर भ्रष्टाचार का दाग नहीं लगा। इनमें धौलाना विकासखंड क्षेत्र के गांव नंगलाकाशी सुरेंद्र सिंह रहे। सिभावली विकासखंड के गांव धनावली उर्फ अट्टा की प्रधान माधवी सिंह रहीं। गढ़मुक्तेश्वर विकासखंड के गांव आलमनगर की प्रधान कविता रहीं। हापुड़ विकासखंड के गांव हाफिजपुर-उबारपुर से प्रधान सिमरन चौधरी रहीं। चुनाव में इनके सामने कोई भी दावेदार खड़ा नहीं हुआ।
गबन में वीडीओ को मिली जेल ग्राम प्रधानों के साथ मिलकर सचिव और अवर अभियंताओं द्वारा गड़बड़ी करने के मामले सामने आए। जांच में दोषी पाए जाने पर रिकवरी के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई भी हुई। वहीं एक ग्राम विकास अधिकारी को गबन करना इतना महंगा पड़ गया कि उसे जेल की हवा खानी पड़ी। तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी सुशील खारी ने बिना अनुमति चौदहवें वित्त का तीन गांवों के खाते से 1.42 करोड़ रुपये निकाल लिए। गबन करने के आरोप में उसे क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उसके खिलाफ तत्कालीन एडीओ पंचायत ने मुकदमा दर्ज कराया था।
नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
प्रधान पद पर रहते हुए सरकारी धन के दुरुपयोग करने वाले निवर्तमान ग्राम प्रधानों के लिए चुनावी डगर आसान नहीं होगी। यदि उन्होंने अनियमितता की धनराशि सरकारी खाते में जमा नहीं की है तो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, जिन्होंने जमा नहीं कराई है वह धनराशि जमा करा दें, अन्यथा नियम के अनुसार विधिक कार्रवाई भी की जाएगी। -यावर अब्बास, जिला पंचायत राज अधिकारी
इन ग्राम पंचायतों ने दुरुपयोग की धनराशि ग्राम पंचायत दुरुपयोग धनराशि सिखैड़ा 1604 हरौड़ा 41674 असरा 68176 मुक्तेश्वरा 18381 जखैड़ा 14940 कटीरा जाफराबाद 23004 सपनावत 15817 नगला गज्जू 38247 लुहारी मुफ्तफाबाद 190735 धौलाना 394900 रसूलपुर बहलोलपुर 35,000 नवादा 73612 इकलैड़ी 10550 बनखंडा 7223 नोट- यह जानकारी विकास भवन से ली गई है।