ब्रजघाट में 11 लोगों की मौत होने से गरमाई राजनीति
संवाद सहयोगी ब्रजघाट ब्रजघाट गंगानगरी में दो दिन में 11 मौत होने पर राजनीति भी गरमा गई है
संवाद सहयोगी, ब्रजघाट
ब्रजघाट गंगानगरी में दो दिन में 11 मौत होने पर राजनीति भी गरमा गई है, क्योंकि विपक्षी पार्टियों समेत भाजपाई भी पुलिस-प्रशासन और आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है।
ब्रजघाट गंगानगरी में दो दिन के भीतर एक अज्ञात समेत 11 लोगों की मौत होने के मामले में किसी भी मृतक का पोस्टमार्टम न होने के कारण राजनीति भी गरमा गई है, जिसमें विपक्षी पार्टियों के साथ ही खुद सत्तापक्ष से जुड़े भाजपा नेता भी पुलिस-प्रशासन से लेकर आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में ले रहे हैं। समाजवादी पार्टी हापुड़ के जिला प्रवक्ता अनिल आजाद एडवोकेट ने कहा कि पुलिस व प्रशासन के अफसरों ने पोस्टमार्टम न कराकर दोषी अधिकारियों को बचाने का प्रयास किया है। इसे समाजवादी पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी और मृतकों के स्वजन को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन करेगी। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। सपा के जिलाध्यक्ष तेजपाल प्रमुख ने कहा कि अफसरों की लापरवाही के कारण यह घटना हुई है। दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। कांग्रेस के प्रदेश सचिव डॉ. शुएब और जिलाध्यक्ष मिथुन त्यागी का कहना है कि गंगानगरी के लोग विषाक्त शराब पीने से मौत होने की बात कह रहे हैं, परंतु पुलिस-प्रशासन और आबकारी विभाग अपनी विफलता छिपाने में जुटे हुए हैं। आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह सोलंकी का कहना है कि महज 6 हजार की आबादी वाली गंगानगरी में दो दिन के भीतर 11 मौत होना गंभीर मामला है। मृतकों का पोस्टमार्टम कराना चाहिए था। यह अफसरों की बड़ी लापरवाही है। पालिकाध्यक्ष सोना सिंह का कहना है कि दो दिन में 11 मौत होने की घटना बेहद संगीन है, जिसकी उच्च स्तरीय जांच के साथ ही मृतकों के स्वजन को शासन स्तर से आर्थिक मदद भी दी जाए।
भाजपा नेता कमल त्यागी का कहना है कि अगर सही ढंग से जांच पड़ताल कराकर लापरवाही करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो विरोध में जनआंदोलन किया जाएगा। भाजपा नेता कुलदीप गोयल का कहना है कि सभी मौत शराब पीने के कारण हुई हैं, परंतु सच्चाई सामने लाने की बजाए पुलिस-प्रशासन द्वारा महज खानापूर्ति करना बेहद दुख और दुर्भाग्य का विषय है। व्यापारी नेता जितेंद्र गोयल का कहना है इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। गढ़ बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव मनोज गोयल का कहना है कि मौत होने का कारण मात्र पोस्टमार्टम के द्वारा ही सामने आना संभव था, परंतु अफसरों ने ऐसा नहीं कराया।