शासन से मिले निर्देशों के बाद भी सचेत नहीं हुई पुलिस
जागरण संवाददाता, हापुड़ भारत बंद के दौरान बीते सोमवार को हुए उपद्रव के बाद पुलिस की हर
जागरण संवाददाता, हापुड़
भारत बंद के दौरान बीते सोमवार को हुए उपद्रव के बाद पुलिस की हर तरफ आलोचना हो रही है। शासन ने सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने और असमाजिक तत्वों पर निगाह बनाए रखने के निर्देश दिए थे। विशेष रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों की पुलिस को सोशल मीडिया पर की जाने वाली अपील और हर गतिविधि पर नजर रखने की हिदायत दी गई थी। इसके बाद भी पुलिस अधिकारियों की लापरवाही और स्थिति का उचित आकलन कर पाने में असफल रहने से नगर में भारी उपद्रव हुआ। अब उच्चाधिकारियों ने इस चूक पर मंथन करना शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि सोमवार को हजारों की भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया और कई मोहल्लों में घुसकर वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की।
विशेष बात यह है कि दो अप्रैल को भारत बंद से पहले शासन द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों की पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को सचेत रहने का आदेश दिया गया था। पुलिस को सोशल मीडिया पर बंद को सफल बनाने के लिए की जा रही अपीलों पर भी निगाह रखने के साथ-साथ सड़क पर उतरने वाली भीड़ की हर गतिविधि पर नजर रखने के निर्देश दिए गए थे, ताकि किसी प्रकार की ¨हसा नहीं हो पाए। शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद भी पुलिस सचेत नहीं हुई, यह यक्ष प्रश्न अब प्रत्येक नागरिक के दिमाग में उठ रहा है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो अधिकारियों को नगर में इतनी अधिक मात्रा में प्रदर्शनकारियों के सड़क पर उतरने की जानकारी नहीं थी। हालांकि जिस स्थान पर लोग जमा हुए और जिन मार्गों से जूलूस निकाला गया, वहां पुलिस बल तैनात किया गया था। यदि अधिकारियों द्वारा रेलवे स्टेशन पर ही ज्ञापन ले लिया जाता तो शायद स्थिति बेकाबू नहीं होती। पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियाल ने बताया कि जिले में पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल और पीएसी के जवान भी तैनात किए गए थे। उपद्रव करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।