गन्ने की फसल में लगा पोक्का बोइंग रोग
01एचपीआर-8910 जागरण संवाददाता हापुड़ गन्ना की फसल में पोक्का बोइंग रोग का प्रकोप बढ़
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जागरण संवाददाता, हापुड़
गन्ना की फसल में पोक्का बोइंग रोग का प्रकोप बढ़ रहा है। यह रोग विशेषकर गन्ने की 0238 प्रजाति में बढ़ रहा है। रोग की जानकारी होने पर किसानों को चिता होने लगी है। इसकी जानकारी गन्ना विभाग के अधिकारियों को दे दी है। जल्द ही गन्ना विभाग की टीम गांवों में घूमकर निरीक्षण करेगी और किसानों को रोग से बचाव के उपाय बताएगी।
गन्ना की बुवाई से अब तक सीजन अनुकूल होने के कारण फसल अच्छी होने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन पिछले दिनों मौसम में बार-बार बदलाव के कारण फसल पोक्का बोइंग रोग ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। सर्वे के दौरान इसकी शिकायत सामने नहीं आई। अब किसानों को खेतों में घूमने पर रोग की जानकारी हुई। गांव रसूलपुर के किसान जतिन चौधरी का कहना है कि उन्होंने 15 बीघे जमीन में गन्ने की 0238 प्रजाति बोई है। गन्ना अभी पौधे के आकार का है, जिसमें पोक्का बोइंग रोग लग गया है, जिससे पूरी फसल नष्ट होने का डर सताने लगा है। वहीं गांव शाहपुर के किसान मनोज प्रधान का कहना है कि उनके खेत में खड़ी गन्ने की फसल में पोक्का बोइंग रोग लग गया है। गांव में अन्य किसानों के गन्ने के खेतों में भी रोग तेजी से बढ़ रहा है। इसका तुरंत उपाय नहीं किया गया तो पूरी फसल नष्ट हो जाएगी। रोग के लक्षण
अगोला में ऊपर की पत्ती हल्की पीली, सफेद होने लगती है। कुछ दिनों बाद लाल, भूरी होकर नष्ट हो जाती है। इससे गन्ने की बढ़वार रुक जाती है। साथ ही प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया बंद होने से गन्ना सूखने लगता है। बचाव - बुवाई से पूर्व बावस्टीन से उपचारित करें। - खेतों में जैविक हाईड्रो कार्ड लगाएं। - खट्टा मट्ठा लेकर फसल पर छिड़काव करें। - रोगग्रस्त पौधे को उखाड़ कर नष्ट कर दें। - कॉपर ऑक्सी क्लोराइड (बलाइटाक्स, ब्लू कॉपर) 300 ग्राम 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ स्प्रे करें। - हैक्सापोनाजोल (कंटॉप) 250 मिली 150 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ 15 दिन के अंतराल पर दो बार स्प्रे करें। क्या कहते हैं अधिकारी
गन्ने में पोक्का बोइंग रोग लगने की जानकारी मिली है। क्षेत्र में टीम भेजकर निरीक्षण कराया जाएगा। रोग की उपस्थित मिलने पर किसानों को इसके बचाव के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।- निधि गुप्ता, जिला गन्ना अधिकारी