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माता-पिता ने किया निवेश, आश्रितों को मिलेगा पूरा हक

जागरण संवाददाता हापुड़ कोरोना संकटकाल में माता-पिता की मौत के बाद बेसहारा हुए बच्च

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 08:22 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 08:22 PM (IST)
माता-पिता ने किया निवेश, आश्रितों को मिलेगा पूरा हक

जागरण संवाददाता, हापुड़ :

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कोरोना संकटकाल में माता-पिता की मौत के बाद बेसहारा हुए बच्चों को दर-दर की ठोकर खानी पड़ रही हैं। ऐसे में उन बच्चों के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) ने अपने नियमों में बदलाव किया है। इसमें पालिसी होल्डर के आश्रित बच्चों को उनके दादा-दादी या नाना-नानी को जल्द से जल्द क्लेम का भुगतान कर उनके भविष्य को बेहतर बनाने में सहयोग दिया जा सके।

एलआइसी के विकास अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए एलआइसी ने संपूर्ण क्लेम के भुगतान का अधिकार दे दिया है। पहले शाखा स्तर पर पांच लाख व मंडल स्तर पर 25 लाख रुपये के क्लेम भुगतान का अधिकार था। नए सर्कुलर में यह बाध्यता खत्म कर दी गई है, क्योंकि महामारी में कई पालिसी होल्डरों की नामिनी के साथ मृत्यु हो चुकी है। ऐसे में उनके नाबालिग आश्रित को क्लेम भुगतान में दिक्कत आ रही है। अब उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। प्रक्रिया थोड़ी लंबी अवश्य है, लेकिन क्लेम भुगतान आश्रित को ही हो रहा है। पुरुष पालिसी होल्डर में उसके माता-पिता (आश्रित के दादा-दादी) व महिला पालिसी होल्डर में उसके माता-पिता (आश्रित के नाना-नानी) को तरजीह दी जा रही है। यदि आश्रित की संख्या एक से अधिक है तो उनका ज्वाइंट खाता खुलवाकर सहमति पत्र लेकर भुगतान खाते में ट्रांसफर की सुविधा दी जा रही है। डायरेक्ट ब्लड रिलेशन न होने पर आश्रित का अभिभावक सिद्ध करने के बाद कागजी प्रक्रिया को पूरा कराकर जल्द भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आश्रित अक्सर देरी से क्लेम करते हैं। कई कभार घर की सफाई के दौरान माता या पिता का कागज मिलने पर पता चला कि उन्होंने एलआइसी करा रखी थी। अब उनका नामिनी भी नहीं है। अब क्लेम जीवन में कभी भी किया जा सकता है।

ऐसे करें पता

- तीन वर्ष के बैंक स्टेटमेंट खंगाला जाए, जिससे भुगतान की स्थिति निवेश स्पष्ट करेगी। इससे मासिक, त्रिमासिक, छमाही, वार्षिक किस्त भुगतान का पता चल सकेगा।

- जानकारी न होने पर अभिभावकों के शुभ चितक मित्रों की तलाश करनी होगी, जिनसे वह निवेश की जानकारी साझा करते हों।

- आश्रित को यह पता करना होगा कि उनके अभिभावक से कौन सा एलआइसी एजेंट संपर्क में था।

- एजेंट से संपर्क कर एलआइसी या टर्म प्लान लेने वाली शाखा नंबर हासिल कर क्लेम भुगतान आसानी से लिया जा सकता है।


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