Hapur Neem River Latest News: जल्द होगा अतिक्रमण मुक्त नीम नदी का उद्गम स्थल
Hapur Neem River Latest News नीर फाउंडेशन ने भी नदी क्षेत्र में पौधे लगाए जाने की बात कही है। वहीं सिंचाई विभाग द्वारा रविवार को भी नदी की सफाई के लिए अभियान जारी रहा। अभी तक करीब आठ सौ मीटर नदी की सफाई का काम पूरा हो चुका है।
हापुड़ [मनोज त्यागी]। नीम नदी की धारा एक बार फिर अविरल बहने के लिए कुलमुलाने लगी है। धीरे-धीरे दैनिक जागरण के अभियान "आओ बचाएं नीम नदी" को लेकर लोगों के साथ प्रशासन भी जागा है। प्रशासन का दावा है कि जल्द ही नदी को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। नीर फाउंडेशन ने भी नदी क्षेत्र में पौधे लगाए जाने की बात कही है। वहीं सिंचाई विभाग द्वारा रविवार को भी नदी की सफाई के लिए अभियान जारी रहा। अभी तक करीब आठ सौ मीटर नदी की सफाई का काम पूरा हो चुका है। गांव के लोगों ने भी इस अभियान की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। साथ ही इस अभियान में हर तरह से साथ देने की बात कही है।
हम दैनिक जागरण के अभियान के साथ लगातार नीम नदी को स्थायी रूप से पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं। नदी उद्गम पर दिल्ली के संगठन ग्रीन यात्रा से मियावकी तकनीक (यह जापान की तकनीक है। इस तकनीक के द्वारा सघन वन क्षेत्र स्थापित किया जा सकता है। इसमें हर तरह के पौधे लगाए जाते हैं। पशु पक्षी का बसेरा भी तेजी से बढ़ता है, के जरिए पौधे लगाए जाएंगे।
-रमन कांत त्यागी, संस्थापक नीर फाउंडेशन
मैंने हाल में ही कार्यभार संभाला है। मुझे नीम नदी पर हुए अतिक्रमण की जानकारी मिली है। इसके लिए इसी सप्ताह संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी और जल्द ही नीम नदी पर हुए अतिक्रमण को हटाया जाएगा।- अनुज सिंह, जिलाधिकारी हापुड़
हां हमने भी नीम नदी को बहते देखा है
-सही बात यह है कि ये नदी इस क्षेत्र के लिए वरदान है, क्योंकि ये क्षेत्र बहुत नीचा है। जिसके कारण बरसात के दिनों में पानी भर जाता था, तो उसे ये अपने में समा लेती थी। पानी के कारण इस नदी के आस-पास प्रवासी पक्षी बहुत बड़ी संख्या में आते थे। सारस भी इस क्षेत्र में बहुत पाया जाता था। अब तो स्थिति खराब हो गई है। नदी में पानी भी नहीं रहता है। नीम नदी का क्षेत्र फल बहुत बड़ा है। एक समय था जब अलीगढ़ के पास इस नदी पर पुल बनाया गया था, तो उस पर टोल टैक्स लगता था।
-सुभाष प्रधान (57) गांव हिम्मतपुर
-जब हम छोटे थे, तो यह नदी बरसात के दिनों में पांच से छह महीने तक बहती थी। अब बरसात के दिनों में सिर्फ 10 से 20 दिन ही बहती है। यह नदी के बारे में हमारे बुजुर्ग बताते थे कि यह महाभारत काल से पहली नदी है। यह बहुत ही अच्छी बात है कि दैनिक जागरण ने नदी को बचाने के लिए अभियान छेड़ा है। हम सभी दैनिक जागरण के इस अभियान में हर तरह से साथ हैं। जो भी करना पड़ेगा हम लोग करेंगे।
-सार सिंह (68) गांव हिम्मतपुर
यहां से होकर गुजरती हैं नीम नदी
जिला हापुड़
नदी क्षेत्रः-14 किमी
दतियाना में नीम नदी का उद्गम स्थल है। यहां से हिम्मतपुर, राजपुर, सिखैड़ा, नया बांस, हाजीपुर, मुरादपुर, सैना, बंगौली और दरियापुर होते हुए नदी खुराना गांव पहुंचती है
जिला बुलंदशहर
नदी क्षेत्रः-134 किमी
बांहपुर से बुलंदशहर जिले में नीम नदी प्रवेश करती है। यहां से बैनीपुर,डारौली, केशोपुर सठला, निखोव, नयाबांस, नया गांव देहरा, लड़ाना, चिंगरावठी, गिनौरा, ढलना, औगना, चटेरा, भदौरी, भदौरा, प्याना कलां, अमरगढ़, खदाना, लछोई, सांखनी, डूंगरा जाट, सलगमा, बझेड़ा, श्यौरामपुर, सूरतगढ़, रजापुर, मलकपुर, सौराला, डबका, भाटगढ़ी, चिंगावली, इंदौरा खेड़ा, कुतुबपुर खेड़िया, रामी कल्याणी,लेदर खेड़ा, बुरहानपुर खुर्द पहुंचती है।
जिला अलीगढ़
नदी क्षेत्रः-40 किमी
अतरौली तहसील के गांव मलहपुर से अलीगढ़ में प्रवेश करती है। कनकपुर, पनेहरा, नंगला बंजारा, खड़ौआ, आलमपुर, जिरौली, कासगंज होते हुए काली नदी में मिल जाती है।