आओ बचाएं नीम नदी : राजस्व राज्य मंत्री ने किया नीम नदी के उद्गम स्थल का निरीक्षण
खेल प्रशिक्षक मदन सैनी ने राज्य मंत्री को नीम नदी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह नदी महाभारत काल से भी पहली है। गांव दतियाना में नीम नदी का उद्गम स्थल है। उद्गम स्थल पर एक बड़ा तालाब है जो हाल में अतिक्रमण की चपेट में है।
हापुड़ [मनोज त्यागी]। चाहे आमजन हो, चाहे सामाजिक संगठन, चाहे प्रशासनिक अधिकारी या फिर प्रदेश सरकार के मंत्री सभी को नीम नदी की चिंता सता रही है। सभी किसी न किसी तरह से नीम नदी को पुनर्जीवित करने के लिए काम में लगे हैं। सभी का एक ही संकल्प है कि नीम नदी को पुनर्जीवित किया जाए। शनिवार को प्रदेश के राजस्व एवं बाढ़ राज्य मंत्री विजय कश्यप ने नीम नदी के उद्गम स्थल का दौरा कर नदी की स्थितियों को परखा।
खेल प्रशिक्षक मदन सैनी ने राज्य मंत्री को नीम नदी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह नदी महाभारत काल से भी पहली है। गांव दतियाना में नीम नदी का उद्गम स्थल है। उद्गम स्थल पर एक बड़ा तालाब है जो हाल में अतिक्रमण की चपेट में है। अतिक्रमण हटने के बाद बरसात के पानी से तालाब में पानी भरेगा और रीचार्ज करने के साथ कुछ दिन बाद ही पानी रीचार्ज होना बंद हो जाता है और वह धीरे-धीरे नदी में बहने लगता है।
नदी का इस क्षेत्र के लिए बहुत बड़ा योगदान है। जब अधिक बारिश होती थी तो निचला क्षेत्र होने के कारण पूरे जंगल में जल भराव हो जाता था। जिसे यह नदी अपने में समेटकर ले जाती थी और दोबारा से फसल बोई जा सकती थी। साथ ही यह नदी प्रदूषण मुक्त है। इसमें किसी भी तरह का कचरा नहीं डाला जाता है। यदि यह नदी पुनर्जीवित होगी, तो इस क्षेत्र में भूजल का संकट खत्म हो जाएगा। सिंचाई विभाग की ओर से नदी की सफाई का काम शुरू हो चुका है। जबकि आचार संहिता के कारण नदी के उद्गम स्थल पर खुदाई का काम रुक गया है। इस पर राज्य मंत्री ने कहा कि अभी आचार संहिता लगी है।
इसलिए अभी इस बारे में कुछ कहना गलत होगा। उन्होंने दैनिक जागरण के इस पुनीत कार्य को जमकर सराहा। कहा कि दैनिक जागरण अपने सात सरोकारों के लिए संकल्पबद्ध है। नीम नदी को लेकर जो वह पवित्र कार्य कर रहा है। इससे पूरे क्षेत्र को फायदा होगा। इस मौके पर दुष्यंत त्यागी, प्रवीण मित्तल, डा. राहुल त्यागी, प्रिंस त्यागी मुख्य रूप से उपस्थित थे।
नीम नदी के बहाव क्षेत्र में शनिवार को भी काम सिंचाई विभाग की ओर से कार्य जारी रहा। सिंचाई विभाग के एसडीओ राजेश कुमार ने बताया कि नदी में पानी भर जाने के चलते विभाग की ओर से पाॅक लैंड मशीन लगाई गई है। मशीन के द्वारा नदी के बहाव क्षेत्र को वास्तविक रूप देने का कार्य किया जा रहा है। जेसीबी (खोदक मशीन) के द्वारा नदी में काम ठीक से नहीं हो पा रहा था। कुछ दिन पहले शरारती तत्वों ने नीम नदी में पानी छोड़ दिया था ताकि नदी की सफाई का काम रुक जाए।
इसलिए विभाग की ओर से पाॅक लैंड मशीन नदी की सफाई के लिए लगाई गई है। नदी के बहाव क्षेत्र का काम पहले ही शुरू हो चुका था। इसलिए आचार संहिता का इस काम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। नदी के उद्गम स्थल का काम लघु सिंचाई विभाग के द्वारा किया जाना है। जो अब चुनाव बाद ही शुरू हो पाएगा। हमारा प्रयास है कि बरसात से पहले नदी के बहाव क्षेत्र के कार्य को पूरी तरह से दुरुस्त कर दिया जाए और नदी दोबारा से अपने अस्तित्व को पा सके।
नीम नदी के पुनर्जीवन में भिन्न-भिन्न तरह के आयाम जुड़ रहे हैं। जहां जिसको जैसा अवसर मिल रहा है वह नीम नदी के लिए कुछ न कुछ कर देना चाहता है। ऐसा तब ही संभव है जब सब कुछ सकारात्मक हो। नीम नदी पुनर्जीवन का पूरा कार्यक्रम अब धीरे-धीरे जन आंदोलन का रूप ले रहा है। ऐसा उदाहरण दुर्लभ ही होता है कि किसी नदी सुधार के लिए सरकार, समाज, सामाजिक संगठन, मीडिया व नेता सब एक हो जाएं। आशा है कि जुलाई में नीम नदी में स्नान किया जा सकता है।
रमन कांत त्यागी (नदी पुत्र)