मुरादपुर के लोगों ने नीम नदी को पुनर्जीवन देने को किया श्रमदान
मनोज त्यागी हापुड़ सफर अभी बाकी है कारवां को आराम न दो.. दैनिक जागरण का नीम नदी क
मनोज त्यागी, हापुड़ :
सफर अभी बाकी है,
कारवां को आराम न दो..
दैनिक जागरण का नीम नदी को पुनर्जीवित करने के लिए शुरू हुआ कारवां भी कुछ यही कह रहा है। वह भी आराम नहीं चाहता। वह भी बिना थके नदी के काम को आगे बढ़ाना चाहता है। करीब एक माह पहले दैनिक जागरण ने जो नीम नदी को पुनर्जीवन देने के लिए मुहिम शुरू की थी। उससे लोग बिना थके आगे बढ़ना चाहते हैं। सभी को बस इस बात का इंतजार है कि जल्द से जल्द नदी में पानी की निर्मल धारा निर्बाध बहे, नदी के किनारे पेड़ लहलहाएं, उन पर पक्षी अपने घोंसले बनाएं और अपनी चहचहाट से सुबह लोगों को आनंद का स्वर सुनाएं। रविवार को भी नदी किनारे बसे मुरादपुर गांव के युवाओं ने नदी को साफ करने के लिए श्रमदान किया। सभी का संकल्प यही है कि आओ नीम नदी बचाएं।
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नीम नदी के पुनर्जीवन की आवश्यकता उसके किनारे बसने वाले सम्पूर्ण प्राणी जगत को है। जो भी नदी के कार्य में सहयोग कर रहे हैं या करेंगे, यह सबका फर्ज है व जरूरत है। क्योंकि नदी तो अपने अस्तित्व को स्वयं सुधारने का माद्दा रखती है। हमें यह दम्भ कतई नहीं पालन चाहिए कि हम नदी को पुनर्जीवित करेंगे बल्कि, हम तो अपनी उन गलतियों को सुधारने का एक प्रयास करेंगे जो जाने-अनजाने भूतकाल में हमसे नदी को भुलाकर व मिटाकर हो चुकी है। नीम नदी का उद्गम व बहाव क्षेत्र प्राकृतिक रूप से गहरा है। जहां वर्षा का पानी भरता ही रहा है। नीम नदी पुनर्जीवन के कार्य में हमें बस यह सोचकर प्रयास करना चाहिए कि हम अपनी भूल सुधार रहे हैं और अपनी नीम नदी के गर्व को पुन: वापस लौटना चाहते हैं।
- रमन कांत त्यागी (नदी पुत्र)
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नीम नदी को साफ करने के लिए हम लोग श्रमदान कर रहे हैं। यह श्रमदान हम लोग अपने लिए ही कर रहे हैं। जाहिर है कि जब नदी में पानी बहेगा, तो इसका फायदा भी हम सभी लोगों को होगा। जहां भूजल स्तर सुधरेगा वहीं लोगों को स्वच्छ जल भी मिलेगा। दैनिक जागरण ने ये पहल शुरू की थी, अब हम सभी मिलकर इसे अंजाम तक पहुंचाएंगे।
- अभिषेक उर्फ गोलू
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हम लोग दैनिक जागरण के पाठक हैं। दैनिक जागरण ने पिछले करीब एक महीने से नीम नदी को लेकर जन जागरण का काम किया है, तो हमें भी इसमें अपना योगदान देना है। इसलिए हम लोगों ने आज श्रमदान कर दैनिक जागरण की मुहिम को आगे बढ़ाने का काम किया है। - हर्ष त्यागी
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पहले नीम नदी को लेकर यहां कोई बात भी नहीं करता था। मेरी उम्र के बच्चे तो नदी को नाला ही समझते थे। जब दैनिक जागरण ने इस नदी को लेकर अपना अभियान चलाया, तो लोगों को इसकी सही जानकारी मिल पाई। अब तो हर कोई नीम नदी के बारे में जानने लगा है।
- वंश त्यागी
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नीम नदी को बचाने की दैनिक जागरण के साथ हमारी भी जिम्मेदारी है। उसी फर्ज को निभाने के लिए नदी की सफाई के लिए लोग काम करने लगे हैं। कोई किसी से जबरन काम नहीं करवा रहा है। नीम नदी को पुनर्जीवन देने के लिए स्वयं ही आगे आ रहे हैं।
- हरिओम त्यागी
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हम सभी को तो उस दिन का इंतजार है, जब नीम नदी बहेगी और हम सभी उसका आनंद लेंगे। हमारे स्तर पर जो भी करना होगा, हम सभी बच्चे उसे करने के लिए एक साथ हैं। हम लोग इसीलिए श्रमदान कर रहे हैं ताकि, नीम नदी जल्द से जल्द बहे और हम सभी को उसका फायदा किसी ने किसी रूप में मिलेगा।
- निखिल
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मैं तो दैनिक जागरण के अभियान से शुरू से ही जुड़ा हूं। जिस दिन दैनिक जागरण ने नीम नदी का सर्वे शुरू किया था, उस दिन भी मैं साथ था और जब जगह-जगह पंचायतें आयोजित हुई तो उनमें भी मैं शामिल हुआ। आज बहुत अच्छा लग रहा है, जब सभी नीम नदी को लेकर चर्चा कर रहे हैं और श्रमदान कर रहे हैं।
- युवराज