Hapur Custodial death: किसान नेता की हिरासत में मौत में पुलिस अफसरों पर हत्या का मामला
किसान नेता की कस्टडी में मौत केस में तत्कालीन पुलिस क्षेत्रधिकारी निलंबित कोतवाली प्रभारी चौकी इंजार्ज समेत एक अज्ञात पुलिसकर्मी के खिलाफ हत्या केस दर्ज कर लिया गया है।
हापुड़, जागरण संवाददाता। कोतवाली पिलखुवा क्षेत्र के गांव लाखन निवासी व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में तत्कालीन पुलिस क्षेत्रधिकारी, निलंबित कोतवाली प्रभारी, चौकी इंजार्ज समेत एक अज्ञात पुलिसकर्मी के खिलाफ बृहस्पतिवार की रात हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। बृहस्पतिवार को रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग को लेकर सपा कार्यकर्ताओं की अगुवाई में मृतक के परिजन समेत सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने पुलिस कार्यालय में धरना दिया था।
पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह को दी तहरीर में मृतक के भाई कुलदीप उर्फ तेजपाल ने बताया कि 13 अक्टूबर की दोपहर के करीब दो बजे पीड़ित के फोन पर अज्ञात नंबर से एक कॉल आया। फोन पर बात कर रहे व्यक्ति ने खुद को एक मोबाइल कंपनी का कर्मचारी बताकर लक्की कूपन निकलने का झांसा दिया। उस व्यक्ति ने पीड़ित को पिलखुवा स्थित राजपूताना रेजिमेंट इंटर कॉलेज पर बुलाया। इसके बाद पीड़ित वहां पहुंचा। उसका इंतजार कर रहे सादे कपड़ों में तैनात पुलिसकर्मी ने उसे जबरन पुलिस की गाड़ी में बैठा लिया। गाड़ी में पुलिसकर्मियों ने पीड़ित के साथ मारपीट की। पुलिसकर्मियों ने पीड़ित से बाइक खराब होने की बात कहकर उसके उसके भाई प्रदीप को छिजारसी टोल टैक्स पर बुला लिया। प्रदीप अपने पुत्र राहुल के साथ टोल टैक्स पर पहुंचा।
पुलिसकर्मियों ने प्रदीप को दबोच लिया और चौकी ले गए। वहां पुलिसकर्मियों ने उनसे मारपीट की। पुलिस की मारपीट से प्रदीप की हालत बिगड़ गई। आननफानन में पुलिस ने प्रदीप को पिलखुवा के एक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने मेरठ रेफर कर दिया, जहां उपचार के दौरान प्रदीप की मौत हो गई।
पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह ने बताया कि तत्कालीन सीओ संतोष मिश्र, निलंबित कोतवाली प्रभारी निरीक्षक योगेश बालियान, चौकी इंचार्ज अजब सिंह समेत एक अज्ञात पुलिसकर्मी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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