प्रसूता व डेढ़ वर्षीय मासूम की मौत, अस्पताल में हंगामे के बाद तोड़फोड़
जागरण संवाददाता हापुड़ नगर कोतवाली के सामने स्थित एक अस्पताल में बृहस्पतिवार को दो अलग
जागरण संवाददाता, हापुड़ :
नगर कोतवाली के सामने स्थित एक अस्पताल में बृहस्पतिवार को दो अलग-अलग मामलों में प्रसूता समेत एक डेढ़ माह के मासूम बच्चे की मौत हो गई। चिकित्सकों व स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मृतकों के स्वजन ने हंगामा किया। इसी दौरान कुछ लोगों ने तोड़फोड़ भी कर दी। स्वजन व पुलिस के बीच जमकर नोंकझोंक हुई और स्वजन धरने पर बैठ गए। अस्पताल के बाहर खड़ी एंबूलेंस में महिला का शव करीब चार घंटे तक रखा रहा। किसी तरह पुलिस ने स्वजन को समझाकर मृतका के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, वहीं मासूम के शव को लेकर स्वजन घर के लिए रवाना हो गए, जबकि प्रसूता पक्ष के लोगों की तहरीर पर पुलिस ने अस्पताल के चिकित्सक व अज्ञात स्टाफ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
थाना बाबूगढ़ क्षेत्र के गांव अल्लीपुर मुगलपुर निवासी ओमपाल ने बताया कि उसकी शादी वर्ष 2010 में पिलखुवा क्षेत्र के गांव पूठा हुसैनपुर निवासी रिकी(30) के साथ हुई थी। उसके एक आठ वर्षीय पुत्री आकांक्षा और तीन वर्षीय पुत्र रचित है। बृहस्पतिवार सुबह करीब आठ बजे प्रसव पीड़ा होने पर उसने अपनी पत्नी रिकी को नगर कोतवाली के सामने स्थित केयर हास्पिटल में भर्ती कराया। चिकित्सकों ने ऑपरेशन के जरिए महिला की डिलीवरी होने की बात कही। कई घंटों तक चिकित्सक ऑपरेशन करने की बात कर पीड़ित को टरकाते रहे। भर्ती होने के करीब तीन घंटे बाद ऑपरेशन होने पर रिकी ने एक पुत्र को जन्म दिया। इसके बाद चिकित्सकों ने महिला की हालत को गंभीर बताते हुए जनपद मेरठ के एक अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। मेरठ अस्पताल में पहुंचने पर चिकित्सकों ने महिला को मृत घोषित कर दिया, इस पर स्वजन ने हंगामा किया।
वहीं, एक दूसरे मामले में थाना सिभावली क्षेत्र के गांव बक्सर निवासी नदीम ने बताया कि उसने भी 31 जुलाई को नगर कोतवाली के सामने स्थित अस्पताल में डेढ़ माह के पुत्र आरिफ को उपचार के लिए भर्ती कराया था। चिकित्सक लगातार पीड़ित को बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार होने का आश्वासन देते रहे। बृहस्पतिवार दोपहर उसके पुत्र को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगा स्वजन ने हंगामा शुरू कर दिया। किसी तरह पुलिस ने मृतक बच्चे के स्वजन को समझा-बुझाकर शांत कराया। इसके बाद स्वजन कार्रवाई से इंकार करते हुए बच्चे का शव लेकर घर लौट गए। वहीं हंगामे की सूचना मिलने पर डिप्टी सीएमओ डॉ.राकेश अनुरागी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की जांच की।
--------
क्या कहती हैं सीएमओ -
प्रसूता की मौत के मामले में टीम का गठन कर जांच शुरू करा दी गई है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बच्चे का सिर जनन मार्ग में फंस जाने के कारण चिकित्सकों द्वारा सिजेरियन सेक्शन से प्रसव कराया गया था। बच्चे को स्वस्थ्य देखते दो घंटे बाद घर भेज दिया गया था, जबकि महिला को मेरठ के एक अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था, जहां उसकी मौत हो गई है। मामले की जांच कराई जा रही है। आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
-----
क्या कहते हैं थाना प्रभारी निरीक्षक
पीड़ित स्वजन की तहरीर पर अस्पताल के चिकित्सक रिहान व अज्ञात स्टाफ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। किसी भी हाल में पीड़ित पक्ष के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। सुबोध कुमार सक्सेना, थाना प्रभारी निरीक्षक
----
क्या बोले अस्पताल के चिकित्सक
- हम सिजेरियन सेक्शन से डिलीवरी नहीं करते हैं। इस प्रकार की डिलीवरी के लिए दूसरे अस्पतालों से चिकित्सक को बुलाया जाता है। महिला की डिलीवरी के लिए भी बाहर से एक चिकित्सक को बुलाया गया था। ऑपरेशन से डिलीवरी होने के बाद अत्याधिक रक्त स्त्राव होने के चलते महिला को मेरठ रेफर कर दिया गया था। उपचार में कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। मृतका के स्वजन द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं। -डॉ.रेहान