हापुड़: फेफड़े वाले रोगियों को संजीवनी दे रहा मास्क
मास्क लगाने से जहां कोरोना संक्रमण से बचाव होता है कई अन्य बीमारियों की रोकथाम भी होती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिखैड़ा के अधीक्षक डॉ.आनंदमणि का कहना है कि मास्क लगाने से फेफड़े मजबूत होते हैं जिससे कुछ हद तक हीमोग्लोबिन का स्तर भी बढ़ता है।
गढ़मुक्तेश्वर, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी से हर कोई अजीब सी दहशत के बीच जीने को मजबूर हुआ है। चेहरे पर मास्क लगाकर केंद्र सरकार की गाइड लाइन का पालन करना फेफड़े समेत कई तरह की बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए एक तरह से संजीवनी साबित हो रहा है। मास्क के इस्तेमाल की आदत प्रदूषण से बचाव के साथ ही बीमारियों को दूर रखकर लोगों की सेहत भी सुधार रहा है। कोरोना काल में शासन द्वारा चेहरे पर मास्क, दो गज की दूरी का पालन, साबुन अथवा सैनिटाइजर से कई कई बार हाथ धोने पर विशेष जोर दिया गया था, जिससे भी संक्रमण की रोकथाम में बड़ी मदद मिली थी।
मास्क लगाने से जहां कोरोना संक्रमण से बचाव होता है, कई अन्य बीमारियों की रोकथाम भी होती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिखैड़ा के अधीक्षक डॉ.आनंदमणि का कहना है कि मास्क लगाने से फेफड़े मजबूत होते हैं, जिससे कुछ हद तक हीमोग्लोबिन का स्तर भी बढ़ता है।
सांस रोगियों की स्थिति में सुधार होता है। यदि दो वर्षों तक मास्क का लगातार इस्तेमाल किया जाए तो छूआछूत से संबंधित टीबी संक्रमण पर पूरी तरह काबू पाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मास्क लगाने से प्रदूषण कारक तत्व शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं।
शरीर में ऑक्सीजन सेचुरेशन (स्तर) बढ़ता है। इससे हीमोग्लोबिन बनाने वाले हार्मोंस सक्रिय होते हैं। शरीर के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन पहुंचाने की क्षमता भी बढ़ती है। इतना ही नहीं मास्क लगाकर कई तरह की अन्य बीमारियों से प्रभावी ढंग में बचाव किया जाना भी संभव है, जिसके चलते कोरोना संक्रमण काल के दौरान दस माह से छाती और श्वांस रोगियों की संख्या में काफी गिरावट आई है।