संगम एक्सप्रेस में लगेंगे एलएचबी कोच, हरी झंडी का इंतजार
जागरण संवाददाता हापुड़ प्रयागराज जाने के लिए अब यात्री जर्मन तकनीकि वाले एलएचबी यानी लिक हा
जागरण संवाददाता, हापुड़
प्रयागराज जाने के लिए अब यात्री जर्मन तकनीकि वाले एलएचबी यानी लिक हाफमैन बुश कोच में सफर कर सकेंगे। अधिकारियों के अनुसार यह कोच लगने के लिए प्रयागराज स्टेशन के यार्ड में तैयार खड़े हैं। यह कोच कोरोना काल में करीब सात माह से बंद चल रही संगम एक्सप्रेस में लगेंगे। इन कोच की खासियत है कि यह इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) की तुलना में कहीं ज्यादा सुरक्षित होते हैं और इनमें सफर ज्यादा आरामदायक होता है। भीषण हादसे में भी यात्रियों की सुरक्षा की संभावना अधिक होती है।
संगम एक्सप्रेस का संचालन उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज डिवीजन द्वारा किया जाता है। अधिकारियों ने उत्तर रेलवे के दिल्ली डिवीजन को संगम एक्सप्रेस चलाने के लिए अनुमति देने की मांग की है। अधिकारियों ने कहा है कि 22 एलएचबी कोच तैयार हैं, जिन्हें पुराने कोच से रिप्लेस किया जाना है।
आइसीएफ कोचों की तुलना में एलएचबी कोच हल्के होते हैं। साथ ही एलएचबी कोच में तेज गति से चलने की क्षमता अधिक होती है। जर्मन कंपनियों से तकनीकि हस्तांतरण के बाद ये कोच कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में तैयार हो रहे हैं। ये कोच 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रैक पर दौड़ सकते हैं। इनकी बाहरी बाड़ी माइल्ड स्टील की और अंदर का इंटीरियर एल्युमिनियम का होता है। इसमें एंटीटेलिस्कोपिक तकनीकि से दो कोचों को जोड़ा जाता है, जिससे हादसा होने पर यह एक दूसरे पर चढ़ते नहीं। इसमें डिस्क ब्रेक का प्रयोग होता है।
एलएचबी वातानुकूलित कोच की कूलिग भी दमदार होती है। ट्रेन चलने पर इनमें शोर भी कम होता है। ये कोच तुलनात्मक रूप से लंबे होते हैं, जिससे एक कोच में यात्रियों की संख्या भी बढ़ जाती है। सामान रखने की रैक भी बड़ी होती है इसके साथ चौड़ी खिड़कियों पर आराम से बाहर का नजारा लिया जा सकता है। हाईड्रोलिक और साइड सस्पेंशन से सौ किलोमीटर की रफ्तार से चलने पर भी यात्रियों को झटका नहीं महसूस होगा।
रेलवे स्टेशन के अधीक्षक एमआर मीना ने बताया कि एलएचबी कोच के साथ संगम ट्रेन संचालन की बात हो रही है, लेकिन इसकी अभी कोई तिथि निश्चित नहीं की गई है। कोच लगाने का निर्णय रेलवे के उच्चाधिकारियों का है।